गोरखपुर (ब्यूरो)।यह खुलासा किया है एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ। यू वेंकटेश ने। दरअसल, जो लोग स्मोकिंग करते हैैं और उनके साथ रहने वाले लोग हैैं। उन्हें सेकेंड हैैंड स्मोकर्स कहते हैैं। ऐेसे लोगों के लंग्स स्मोकिंग के धुएं की चपेट में आने से प्रभावित हो रहे हैैं। न सिर्फ लंग्स प्रभावित हुए। बल्कि इन्हें आईसीयू में एडमिट करने तक की नौबत आ गई। डॉक्टर्स के अनुसार स्मोकिंग करने वाले लोगों को कोरोना ने तेजी से अपनी चपेट में लिया था।
बढ़ा मिला बॉडी मॉस इंडेक्स
बता दें, सेकेंड हैैंड स्मोकर्स (जो स्मोकर्स के संपर्क में रहता है) एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ। यू वेंकटेश ने रिसर्च किया। कुल 1353 पेशेंट्स की रिसर्च में 672 पेशेंट ऐसे पाए गए जो पैसिव स्मोकर थे। इन्हें कोविड संक्रमण के कारण गंभीर हालत में आईसीयू में एडमिट करना पड़ा। वहीं, 681 ऐसे पेशेट रहे, जो गंभीर नहीं हुए। लेकिन वह जल्द स्वस्थ भी नहीं हुए। हैरान करने वाली बात यह है कि जो लोग बड़ी संख्या में पैसिव स्मोकिंग के शिकार हुए। उनके ब्लड शुगर का लेवल बढ़ गया। यही वजह रही कि कोरोना संक्रमण के दौरान वह बेहद गंभीर संक्रमण के शिकार हुए। इतना ही नहीं पैसिव स्मोकिंग वाले ज्यादातर लोगों का बॉडी मॉस इंडेक्स भी बढ़ा मिला।
रिसर्च में 5 एम्स रहे शामिल
डॉ। यू वेंकटेश ने बताया कि यह रिसर्च नेशनल टोबैको फ्री अभियान के तहत की गई थी। इसमें गोरखपुर, जोधपुर, भटिंडा, ऋषिकेश और पटना एम्स के एक्सपर्ट शामिल किए गए थे। इसके अलावा गुजरात के सेवाग्राम स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के भी एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया था। उन्होंने बताया, रिसर्च के दौरान पता चला कि स्मोकिंग करने वाले लोगों में कोविड की संभावना ज्यादा बढ़ गई थी। संक्रमण और बीमारी की गंभीरता और प्रभाव पर स्टडी की गई थी। कोविड मामलों पर सेकेंड हैंड स्मोक के मामले भी सामने आए। यह रिसर्च अस्पताल में भर्ती मरीजों पर जनवरी 2020 से फरवरी 2022 के दौरान की गई थी।
पैसिव स्मोकिंग घर वालों के लिए परेशानी
पैसिव स्मोकिंग का डायरेक्ट शिकार वो लोग बने हैं, जिनके घर में कोई स्मोकिंग करता हैं। हैरत की बात ये है कि ज्यादातर लोग घर में स्मोकिंग करने वालों के संपर्क में आते हैं। सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से बीमार पडऩे लगते हैं।
स्मोकिंग से ऐसे करें बचाव
1. सिगरेट के धुएं को अन्य लोगों से दूर रखने के लिए हरसंभव प्रयास करें।
2. कभी भी घर में या कार में धूम्रपान न करें।
3. हमेशा खुले एरिया में धूम्रपान करें।
स्मोकिंग के 5 नुकसान
- ज्यादा धूम्रपान करने से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है
- धूम्रपान करने से अस्थमा और टीबी जैसे रोग हो सकते हैं।
- दिल की बीमारियों के लिए भी धूम्रपान बहुत नुकसानदायक होता है।
- दांतों के स्वास्थ के लिए भी धूम्रपान नुकसानदायक है।
- धूम्रपान करने से आंखों के नीचे काले घेरे, चेहरे पे झुर्रियां और कालापन आ जाता है।