-रेलवे स्टेशन के पार्सल ऑफिस के पास हुए मर्डर का खुलासा, दो गिरफ्तार

- जीआरपी ने दो को दबोचा, दो अभी भी गिरफ्त से बाहर

- सेक्स वर्कर की हेल्प से करते थे लूट

GORAKHPUR : गोरखपुर जंक्शन के पुराने पॉर्सल ऑफिस के पास हुए मर्डर का वेंस्डे को जीआरपी ने खुलासा कर दिया। सिर कुचलकर सिकरीगंज के रहने वाले धर्मवीर उपाध्याय की हत्या में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। घटना का खुलासा करते हुए एसपी रेलवे हरीश चंदर ने बताया कि जीआरपी की टीम ने वेंस्डे मार्निग रेलवे स्टेशन के गेट नंबर म् से अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही वह पत्थर भी बरामद कर लिया गया है, जिससे सिर कूंचा गया था। अभियुक्तों के खिलाफ जीआरपी में मुअसं। क्0/क्भ् धारा फ्0ख् के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मुखबिर की सूचना पर हाथ आए शातिर

एसपी रेलवे हरीश चंदर और सीओ नम्रिता श्रीवास्तव के निर्देशन में जीआरपी प्रभारी गिरजा शंकर त्रिपाठी ने सुधीर सिंह, हरेश तिवारी, रंजीत पांडेय, संदीप यादव के साथ छापेमारी की। मुखबिर की सूचना पर सुबह 9.फ्भ् बजे की गई इस कार्रवाई में उन्हें बड़ी कामयाबी हाथ लगी। उन्होंने हत्या में शामिल महेवा मंडी खोराबार की रहने वाली कुशमिला उर्फ मुस्कान और अहिरौली बाजार, कुशीनगर के रहने वाले विजय पांडेय को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया पत्थर भी बरामद कर लिया गया। इनके साथी विकास उर्फ मुकेश और सुमेर उर्फ समीर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

म् महीन बाद हुआ खुलासा

पार्सल घर के पास ड्राइवर की हत्या का खुलासा करने के लिए जीआरपी को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। इस घटना के खुलासे के लिए जीआरपी ने मोबाइल स्कैनिंग, कॉल डीटेल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक बग तक सभी तरह की तकनीक अपनाई, इसमें आखिर में यूज की गई बग टेक्नीक काम आई। करीब फ् मंथ तक रेग्युलर मॉनीटरिंग के बाद जाकर शातिर हत्थे चढ़े। जीआरपी प्रभारी ने बताया कि विवेचना में नामजद लोगों की जांच की गई, तो इसमें उनकी संलिप्तता नहीं पाई गई। इसके बाद जीआरपी ने दूसरे पहलू पर इनवेस्टिगेशन शुरू की। इस दौरान यह पता चला कि मृतक शराब पीने का आदी था और उसका कैरेक्टर भी ठीक नहीं था।

क् नवंबर को हुआ था कत्ल

एसपी रेलवे ने बताया कि इस मामले में मृतक के भाई धर्मेश ने क्0 जनवरी को तहरीर दी और महराजगंज के सुभाष पांडेय और कुशीनगर के संत यादव के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। भाई ने बताया कि मृतक धर्मवीर पेशे से ट्रक ड्राइवर था, जो संत यादव का ट्रक चलाता था। अक्टूबर में वह ट्रक लेकर असम गया और वापसी में म्7 हजार का भाड़ा ले लिया और इसकी जानकारी संत यादव को नहीं दी। इस बात पर दोनों का विवाद भी हुआ था। फ्क् अक्टूबर को धर्मवीर अपनी ससुराल फरेंदा चला गया। क् नवंबर को उसे पार्सल घर के पास घायल अवस्था में पाया गया, जिसे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर्स ने मृत डिक्लेयर कर दिया। उसके पॉकेट में मिले कागज पर लिखे फोन नंबर के आधार पर उसकी पहचान डिगुलपुरा, सिकरीगंज के रहने वाले प्रेमनारायण उपाध्याय के पुत्र धर्मवीर उपाध्याय के तौर पर हुई थी।

हत्या के बाद लूट लिए पैसे

इस मामले में जब जीआरपी ने विवेचना शुरू की तो इसमें मुस्कान, विजय, विकास और सुमेर की संलिप्तता की आशंका पाई गई। इसमें मुखबिर की सूचना पर साइंटिफिक और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के बेसिस पर मुस्कान और विजय को रेलवे स्टेशन से दबोचा गया। अभियुक्त विजय पांडेय ने बताया कि मुस्कान सेक्स वर्कर है। क् नवंबर को वह एक लड़के के साथ इसी उद्देश्य से रेलवे स्टेशन के बाहर गेट नंबर म् से रिक्शा लेकर धर्मशाला बाजार गई। वहां मृतक धर्मवीर ने मछली और शराब खरीदी। दोनों ने धर्मशाला मंडी रेलवे लाइन के पास मछली और शराब का मजा लिया। मैं, विकास और सुमेर इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे। उसके बाद मुस्कान उसे लेकर पुराने पार्सल घर के पास स्थित गोदाम पहुंची। इसके बाद मौके पर पहुंचकर हमने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। हमने मृतक से पैसे की डिमांड की तो उसने विरोध किया। इसपर सुमेर ने उसके दोनों हाथ पीछे से पकड़ लिए और धक्का देकर पेट के बल गिरा दिया। जब मृतक खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगा, तो मैंने पत्थर उठाकर उसके सिर पर दे मारा और उसकी जेब में रखे ब्0 हजार रुपए निकालकर फरार हो गए।