- गोरखपुर-देवरिया मार्ग पर स्थित है प्रसिद्ध मंदिर

MUNDERA BAZAR: चौरी चौरा जिला मुख्यालय से 23 किमी दूर गोरखपुर-देवरिया राजमार्ग पर स्थित शक्तिपीठ मां तरकुलहा देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही मां के दर्शन के लिए कतार लग रही है। यहां आने वाले लोगों का मानना है कि मां के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता। वे भी अपनी उम्मीदों की झोली भरने आए हैं।

सात बार फांसी से बचाया

कहा जाता है कि ब्रिटिश हुकूमत के समय डुमरी स्टेट बाबू बंधु सिंह को अंग्रेजों ने फांसी की सजा सुनाई। बाबू बंधु सिंह मां के सच्चे भक्त थे। फांसी देते समय सात बार मां की कृपा से फांसी का फंदा टूट गया। अंत में बाबू बंधु सिंह ने मां तरकुलहा से विनती कर खुद फांसी के फंदे में गला लगा लिया। उसी समय तरकुल का पेड़ टूट गया और उसमें से खून बहने लगा। तभी से इस जगह को तरकुलहा मंदिर के नाम से जानते हैं।

बलि की परंपरा

बाबू बन्धु सिंह मां तरकुलहा देवी को खुश करने के लिए बलि दिया करते थे। तभी से यहां बलि की परंपरा है। चैत्र राम नवमी पर लगा मेला सवा महीने तक चलता है। दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेला प्रबंधन के लोग तत्पर रहते हैं। सुरक्षा के लिए पूरे सवा महीने तक एक बटालियन पीएसी की व्यवस्था की गई है।

मेले में श्रद्धालुओं के लिए 70 हैंडपंप, 2 पानी की टंकी, 15 अस्थायी शौचालय बनवाए गए हैं। 3 दर्जन सफाईकर्मी हैं। अग्निशमन के साथ ही इमरजेंसी वाटर टैंक की व्यवस्था की गई है।

- ओमप्रकाश यादव, मेला व्यवस्थापक