- धरा रह गया प्रधान का लाइसेंसी रिवाल्वर, नहीं दिया चलाने का मौका
- प्रधान के भाई को भी लगी गोली, हालत गंभीर
- खोराबार एरिया के कैथवलिया में हुई वारदात
GORAKHPUR: खोराबार एरिया का कैथवलिया रविवार की भरी दोपहरी में गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज गया। फोर व्हीलर से आए आधा दर्जन अपराधियों ने बाइक सवार प्रधान और उनके भाई को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की। इस दौरान भागने पर खेत में घेरकर अपराधियों ने प्रधान को भून डाला, जबकि गंभीर रूप से घायल उनके भाई को मरा समझकर वहीं छोड़कर चले गए। कैथवलिया के प्रधान अवधेश यादव की मौके पर ही मौत हो गई जबकि भाई दुर्जन यादव को मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। सूचना मिलते ही घटना स्थल पर एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई है।
पंचायत निपटाकर लौट रहे थे प्रधान
छोटकी कैथवलिया निवासी प्रधान अवधेश यादव के समर्थक मोती का घर बड़ी कैथवलिया में है। मोती और उसके पट्टीदारों के बीच भूमि विवाद चल रहा है। रविवार को मोती ने प्रधान से पंचायत कराने को कहा। प्रधान अपने छोटे भाई दुर्जन के साथ पंचायत करने चले गए। दोपहर करीब सवा तीन बजे पंचायत खत्म हुई और प्रधान भाई के साथ घर लौट रहे थे। प्रधान की बाइक पर पीछे मोती बैठे थे वहीं भाई अर्जुन अपनी बाइक से पीछे-पीछे आ रहे थे। गांव के बीच सुनसान जगह पर जैसे ही पहुंचे, पीछे से फोर व्हीलर ने टक्कर मार दी।
टक्कर मार गिराई बाइक
टक्कर लगते ही प्रधान और भाई की बाइक गिर गई। बाइक गिरते ही मोती घायल हो गया। प्रधान और भाई संभलते कि सामने से भी बाइक से चार बदमाश पहुंच गए और उन्हें घेर लिया। पीछे फोर व्हीलर से उतने चार-पांच अपराधियों ने भी असलहा तान दिया। खुद को घिरा देख प्रधान और भाई बगल के खेत की तरफ भागे। लेकिन बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें असलहा लेकर दौड़ा लिया। धान के खेत में घेरकर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागी। हमले में प्रधान अवधेश यादव की मौके पर मौत हो गई। वही दुर्जन को मरा समझकर हमलावर फरार हो गए।
पुलिस को दी सूचना
गांव के सिवान में दोपहर में ही गोलियों की आवाज से सनसनी फैल गई। लोग मौका-ए-वारदात की तरफ दौड़े। लोगों ने पुलिस को भी सूचना दी। जानकारी होते ही प्रधान की बहन उर्मिला भी घर वालों के साथ पहुंच गई। खून से सने भाइयों को देखकर वह जोर-जोर से रोने लगी। किसी तरह लोगों ने बहन को संभाला। पुलिस ने गंभीर हालत में दुर्जन को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने हालत नाजुक बताकर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहीं मोती को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी मिल गई। दिनदहाडे़ हत्या की सूचना पर कुछ ही देर में एसएसपी रामलाल वर्मा, एसपी सिटी हेमराज मीणा, सीओ कैंट अभय कुमार मिश्र भी पहुंच गए। प्रधान के परिजनों ने चुनावी रंजिश में गांव के जितेंद्र और पप्पू पर हमले का आरोप लगाया।
घर में ताला, आराेपी फरार
हत्यारोपी जितेन्द्र और पप्पू भाई हैं। ये चार भाई हैं। जिनमें जितेंद्र और पप्पू गांव में रहकर प्रधानी की राजनीति करते हैं। जबकि एक भाई राजू विदेश में और चौथे नंबर का धर्मेद्र नेवी में कार्यरत है। प्रधान के परिजनों द्वारा हत्यारोपी बनाए जाने के बाद आरोपी के घर पर पुलिस पहुंची तो घर में ताला बंद था। इससे आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लग सके।
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मोती ने रची साजिश!
जांच करती पुलिस गांव में प्रधान समर्थक मोती के घर भी पहुंची। वहां उसके घर पर ताला लगा था। इससे पुलिस का शक गहरा गया। इससे कहानी कुछ यूं बन रही है कि मोती के घर पंचायत के बहाने ही प्रधान की हत्या की साजिश रची गई। इसलिए ताबड़तोड़ गोलीबारी के बाद भी बदमाशों की गोली मोती को नहीं लगी। पुलिस के दिमाग में यह बात आते ही पुलिस ने मोती को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ चल रही है।
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रिवाल्वर निकालने तक का मौका नहीं
घटनास्थल पर एक दर्जन से अधिक गोलियां चलने के सबूत मिले। मौके से पुलिस ने नाइन एमएम पिस्टल और तमंचे और खोखे बरामद किए। धान के खेत में प्रधान की लाइसेंसी रिवाल्वर और एक तमंचा भी मिला। पुलिस का मानना है कि हमलावरों को पहले से पता था कि प्रधान के पास असलहा है। इसलिए बदमाशों ने ऐसा घेराव किया कि प्रधान को असलहा निकालने का मौका तक नहीं मिला। दोनों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई।
11 साल से टशन, चलती रही है गोली
पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि दोनों पक्षों में पंचायत चुनाव को लेकर 11 साल से टशन चल रही है। 2005 में प्रधान पद पर चुनाव लड़ने को लेकर अवधेश का पट्टीदार जितेंद्र और उसके भाई राजू से विवाद हो गया था। गांव में मामूली कहासुनी के बाद चौरीचौरा एरिया के टेल्हानापार में बदमाशों ने अवधेश पर गोली चलाई थी। इसके बाद 12 मार्च को भरी दोपहरी गांव में असलहे तड़के। आरोप है कि बदला लेने की नियत से अवधेश यादव के बेटे अनिकेश ने जितेंद्र और राजू पर गोली चलाई थी। इस आरोप में अनिकेश अब भी जेल में है। उसी हमले के बाद से दूसरा पक्ष मौका तलाश रहा था।
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छह माह पहले ही गांव आया दुर्जन
प्रधान अवधेश चार भाइयों में सबसे बड़े थे। दूसरे नंबर पर दुर्जन, तीसरे नंबर पर सुरेश और चौथा रमेश है। प्रधान के तीनों भाई विदेश में रहकर कमाते हैं। छह माह पहले ही दुर्जन घर लौटा था। वह अक्सर प्रधान के साथ ही रहता था। माहौल ठीक न होने से रविवार को वह उनके साथ पंचायत में भी चला गया। लेकिन रास्ते में हमले का किसी को अंदाजा नहीं था। प्रधान के दो बेटों में अनिकेश जेल में है वहीं छोटा विशाल घर पर रहकर पढ़ाई करता है। एक बेटी है।
वर्जन
प्रधान की हत्या चुनावी रंजिश में हुई है। दोनों पक्षों में 11 साल से टशन चल रही थी। पहले भी एक दूसरे पर पहले भी हमला कर चुके हैं। हमलावरों की तलाश की जा रही है। उनके मददगारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
- रामलाल वर्मा, एसएसपी