-डीडीयूजीयू में पं। दीनदयाल जयंती पर बोले राज्यपाल राम नाईक

- यूनिवर्सिटी कैंपस में पं। दीनदयाल की प्रतिमा स्थापना की रखी आधारशिला

GORAKHPUR: समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के सुख की कामना करने वाले पं। दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत हमारे पथ-प्रदर्शक हैं। इन्हें अपना सूत्र मानकर अगर प्रयास किए जाए तो समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के 'अच्छे दिन' जरूर आएंगे। यह बातें प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने डीडीयूजीयू में पं। दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि पं। दीनदयाल के बताए मार्ग वास्तव में सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक क्षेत्र में सफलता के मंत्र हैं। हमें इन्हें आत्मसात करना होगा।

दो विचारकों से प्रभावित है राजनीति

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने अब तक देश को नौ प्रधानमंत्री दिए हैं। लेकिन राम मनोहर लोहिया और पं। दीनदयाल उपाध्याय के रूप में दो ऐसे विचारक भी दिए जिनके विचारों से वर्तमान राजनीति प्रभावित है। इससे पहले समारोह में वीसी प्रो। अशोक कुमार ने यूनिवर्सिटी के लिए पं। दीनदयाल के सिद्धांतों को अपनाने की बात कही। मौके पर पं। दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह समिति के संयोजक प्रो। एचएस शुक्ल ने बीते एक वर्ष में जन्मशती समारोह अंतर्गत हुए आयोजनों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। संचालन प्राचीन इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो। विपुला दुबे ने किया।

12 फीट ऊंची होगी प्रतिमा

इस दौरान राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पं। दीनदयाल की प्रतिमा की आधारशिला रखी। कहा कि अब जबकि प्रतिमा यहां स्थापित हो रही है तो युवा पंडित जी से अधिक जुड़ाव महसूस कर सकेंगे। वीसी ने बताया कि जल्द 12 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही उन्होंने लंबे अंतराल के बाद इस सत्र में सबसे पहले छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए वीसी को बधाई भी दी।