- नोट बंद करने के सरकार के फैसले पर हुए i next के Group Discussion में विशेषज्ञों ने दी सलाह

- पब्लिक का संयम ही देश को इस मुश्किल से देगा राहत, जमाखोरों पर कसेगी नकेल

GORAKHPUR: अचानक से 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला स्वागत के लायक है। लेकिन अचानक इसके लागू होने से पब्लिक के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। लोगों का कहना है सरकार को कुछ दिन का समय देना चाहिए था या गोपनीय रूप से मार्केट में 100 रुपए के नोटों की संख्या अधिक करनी चाहिए थी। पब्लिक की इसी परेशानी को देखते हुए आई नेक्स्ट ने विशेषज्ञों का ग्रुप डिस्कशन बुलाया। इस दौरान जहां कुछ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया तो कुछ ने इसे बिना वजह पब्लिक को परेशान करने का तरीका बताया।

विश्वसनीयता के लिए था जरूरी

ग्रुप डिस्कशन में डीवीएनपीजी बीएड कॉलेज के अर्थशास्त्री राजशरण शाही ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए सबसे प्रमुख चुनौती होती है, अर्थव्यवस्था में चल रही मुद्रा की साख को बचाने की। भारतीय रुपए की साख पर धीरे-धीरे संकट आने लगा था। ऐसे में यह बहुत जरूरी था। भारत में 500 रुपए के लगभग 50 प्रतिशत और 1000 रुपए के लगभग 120 प्रतिशत नकली नोट मार्केट में आ गए थे। यह कहीं न कहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर और काले पैसे पर चल रही अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे थे। ऐसे में सरकार का यह निर्णय बहुत ही सरहनीय है। वहीं प्रिंसिपल सर्वेश दुबे का कहना था कि देश के संविधान निर्माता डॉ। भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था में सबसे प्रचलित नोट को प्रत्येक 10 साल पर बदला जाए।

कुछ प्रमुख बातें

- सरकार को ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ाने की जरूरत है

- जिस तरह से डिपॉजिट अनलिमिटेड किया गया है, उसी तरह से एक्सचेंज भी अनलिमिटेड किया जाए

- चुनाव खर्च पर इससे नजर रखी जा सकती है

- पढे़-लिखे वर्ग के इसे लेकर जगरुकता फैलाने की जरुरत है

- सफल नहीं हुआ तो देश के लिए संकट खड़ी हो जाएगा

पब्लिक की सावधानी ही बचा सकती है

- पब्लिक को धैर्य रखने की जरुरत है

- बड़े या छोटे दुकानदार पैसा लेकर मार्केट को चलने दें

- एक से दो दिन तक परेशानियों का सामना करने की क्षमता रखें

- सबको साथ खड़े होने की जरुरत है

- आवश्यकता से अधिक सामानों की खरीदारी न करें

कोट्स

एक दो दिन की परेशानी है, लेकिन इसने पूरे मार्केट का स्वरूप ही चेंज कर दिया है। बड़े हों या छोटे व्यापारी, सबके लिए समस्या खड़ी हो गई है। अचानक इस आदेश के लागू होने से समस्या हुई है। कुछ दिन समय मिल गया होता तो यह स्थिति नहीं आती।

राजेश कुमार, कोषाध्यक्ष चेंबर आफ ट्रेडर्स

यह निर्णय पूरी तरह से सही है। अगर यह अचानक लागू नहीं किया जाता तो सरकार अपनी मंशा में इस तरह सफल नहीं हो पाती। अब पब्लिक को सरकार के साथ खड़े होने की जरुरत है। इससे आम पब्लिक जो देश की सबसे बड़ी आबादी है, उनकी सुविधाओं में सरकार की तरफ से इजाफा होगा।

- सौरभ अग्रवाल, सीए

किसी देश की साख उसकी अर्थव्यवस्था से होती है। ऐसे में सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था की साख बचाने के लिए लिया गया यह निर्णय बहुत ही सही है। इससे सरकार और लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी। इससे मार्केट में आए जाली नोट बंद हो जाएंगे।

- राजशरण शाही, अर्थशास्त्री

सरकार की इस योजना में सबसे अधिक परेशानी शिक्षित वर्ग खड़ा कर रहा है। वही वर्ग कई प्रमुख जगहों पर है और 500 और 1000 रुपए का नोट लेने से मना करके और बड़ी परेशानी खड़ी कर दे रहा है। ये लोग अगर सरकार की इस योजना का साथ दें तो समस्या दूर हो जाएगी।

- सर्वेश दुबे, प्रिंसिपल

सराहनीय कदम है, लेकिन सरकार ने आनन-फानन में यह निर्णय लागू करके सबसे लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। नोट ना चलने से आम लोगों को बेहद परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।

- डॉ। अशोक कुमार, लेक्चरर