गोरखपुर। कंज्यूमर्स का आरोप है कि जिम्मेदारों की लापरवाही से परिसर में मीटर नहीं लगा है, लेकिन हर महीने रीडिंग से बिल आ रहा है, मीटर लगवाने के लिए कंज्यूमर्स आवेदन भी कर रहे हैं, लेकिन मीटर नहीं लग पा रहा है। यह हाल सिटी और रूरल एरिया दोनों जगहों पर देखने को ंिमल रहा है। हालांकि। इनमें ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों के हैैं, लेकिन शहर में लगातार इन मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
पिछले दिनों मीटर से अनमीटर्ड कनेक्शन करने का निर्देश दिया था। लेकिन, इसका पालन नहीं हुआ। चौरी चौरा, बांसगांव, खजनी, उरुवा समेत आसपास के इलाके में अनमीटर्ड मामले सामने आ रहे हैं। जबकि, कंज्यूमर्स लगातार परिसर में मीटर लगवाने की आवेदन देते रहते हैं।
ऐसे मामलों में बिजली निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही या मिलीभगत से बड़ा खेल हो रहा है। जेई कंज्यूमर्स के परिसर तक जा नहीं रहे। मनमाने तरीके से बिजली बिल बना दे रहे।
केस 1
उरुवा के रहने वाले अष्टभुजा पांडेय के भाई के नाम से दो किलोवाट का घरेलु कनेक्शन है। कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से घर के परिसर पर मीटर नहीं लगा लेकिन रीडिंग के आधार पर हर महीने बिल पहुंचता और जमा होता रहा। इसी बीच विजलेंस टीम ने जांच की। परिसर में मीटर लगा नहीं मिला। अफसरों को जानकारी हुई तो मीटर लगाया गया।
केस 2
चौरी चौरा के रहने वाले विनोद यादव की पत्नी के नाम से घरेलु कनेक्शन है मगर मीटर नहीं लगा है। रीडिंग से बिल आता है, मीटर लगवाने के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी तक मीटर नहीं लग पाया है। इससे वह परेशान है।
केस 3
खजनी के रहने वाले रामअवतार सिंह के माता के नाम से दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है, मीटर का नंबर विभाग में चढ़ गया है। रीडिंग के आधार पर हर महीने बिल भी पहुंचता है और जमा भी होता है। लेकिन अभी तक मीटर नहीं लगा है। मीटर लगवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।
ऐसे मामले सामने आए हैं। शिकायत पर जांच कराई जा रही है। अनमीटर्ड वाले कंज्यूमर्स के परिसर में मीटर लगवाने और बिजली बिल सही कराने का निर्देश दिया गया है। लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
ई। रमेश श्रीवास्तव, एसई ग्रामीण सेकेंड