- पिछले दो माह से आलमारी में रख दी गई हैं फाइलें, स्ट्रीट लाइटस के काम न होने से अंधेरे में गलियां

- बोर्ड और कार्यकारिणी की मीटिंग न होने से अधर में फंसी योजना

GORAKHPUR: नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग की लापरवाही से शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। शहर की कई गलियों में तो अंधेरा फैला है, लेकिन कई इलाकों में दिन में भी स्ट्रीट लाइट्स जल रही हैं। यह लापरवाही किसी और की नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों और विभागीय अफसरों की है। बजट मौजूद होने के बाद भी उन्होंने इन लाइट्स को सही करने की जहमत भी गवारा नहीं की। नतीजा यह रहा है कि 6 माह में बजट का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं खर्च किया जा सका। इतना ही नहीं, जिम्मेदारों ने फाइलें तक डंप कर दी हैं, जिससे अभी इसमें सुधार की भी कोई गुंजाइश नहीं नजर आ रही है।

13 में से खर्च हुए महज एक करोड़ रुपए

सिटी की गलियों को रोशन करने के लिए नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में 13 करोड़ रुपए का बजट तय किया। अप्रैल से अब तक 6 माह बीत चुके हैं, लेकिन इस दौरान विभाग सिर्फ एक करोड़ रुपए ही खर्च पाया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 3.70 करोड़ रुपए पथ प्रकाश विभाग में सामान खरीदने के लिए और 4.50 करोड़ रुपए लाइन विस्तार पर खर्च करना था। अब तक मात्र दो या तीन वार्ड में ही लाइन विस्तार का काम चल रहा है। नगर निगम अपने मलिन बस्ती वाले एरिया में पथ प्रकाश विस्तार के लिए एक करोड़ का अलग से बजट का प्रावधान किया था, लेकिन एक भी मलिन बस्ती में लाइन विस्तार का काम नहीं हो सका।

बाहरी एरिया के 60 प्रतिशत प्वाइंट बंद

आउटर एरियाज की हालत सबसे अधिक खराब पड़ी हुई है। जेल बाईपास पर लगे 20 से अधिक स्ट्रीट लाइट्स दिन में भी जलते रहते हैं। वहीं सरस्वतीपुरम में आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं, बरगदवां से मेडिकल कॉलेज रोड को जोड़ने वाले रास्ते पर लगे 50 स्ट्रीट लाइट में ये 10 ही वर्किंग कंडीशन में हैं। कमोबेश यही हाल महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक का है, यहां की लगभग 50 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई हैं।

हमेशा होता है हंगामा

नगर निगम के टैक्स विभाग की मानें तो शहर में कुल 329 मोहल्ले हैं। इनको रोशन करने के लिए नगर निगम ने 42 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगवाए गए हैं। पार्षदों का कहना है कि वर्तमान समय में 15 हजार स्ट्रीट लाइट अनकंट्रोल हो चुके हैं। जो सही हैं, वह दिन-रात जल रहे हैं और जो बंद पड़े हैं, वह हमेशा ही बंद पड़े रहते हैं। शहर के बाहरी वार्ड के पार्षदों की हालत यह है कि वह पब्लिक से मुंह छिपाए घूम रहे हैं। मोहल्लों में ऑन एन एवरेज 50 से 70 स्ट्रीट लाइट्स बंद पड़े हुए हैं।

पथ प्रकाश की स्थिति कुछ ठीक है। नए काम इन दिनों तकनीकी कारणों से बंद पड़ा हुआ है। कोशिश की जा रही है कि अगले माह से सारे काम शुरू कर दिए जाएं।

रबीस चंद, प्रभारी पथ प्रकाश व मुख्य कर निर्धारण अधिकारी