- शहर के सबसे वीआईपी मार्केट गोलघर में एक भी यूरिनल नहीं, सुलभ शौचालय भी मात्र एक
- गोरखपुर मंडल के सभी जिलों से खरीदारी के लिए आते हैं रोज करीब एक लाख लोग
GORAKHPUR: मंडल में किसी भी गांव या शहर के लोग गोरखपुर आएं और मार्केट के लिए गोलघर न जाएं, ऐसा शायद ही हो। यह इस शहर का सबसे वीआईपी मार्केट तो माना ही जाता है, पूरे मंडल में यह उतना ही मशहूर भी है। जरूरत की कोई ऐसी चीज नहीं जो गोलघर मार्केट में न मिल जाए लेकिन यहां यदि ढूंढे नहीं मिलेगा तो वह है यूरिनल। जरूरत महसूस होने पर लोग 100-200 मीटर घूमते हैं तब जाकर कहीं कोई गली, नाली मिलती है। यहां रोज करीब एक लाख पब्लिक अपनी जरूरत की चीजों के लिए पहुंचती है लेकिन इस बीच यदि उसे पेशाब महसूस हो जाए तो यूरिनल नहीं मिलने के कारण उन्हें सड़क किनारे 'बेशर्म' बनना पड़ता है। पूरे गोलघर में सुलभ शौचालय भी केवल एक ही है जो इंदिरा बाल बिहार में है।
शौचालय के लिए डेढ़ किमी।
गोलघर मार्केट के पान व्यापारी रामाशंकर चौरसिया ने बताया कि पिछले 30 साल से गोलघर स्थित खोआ मंडी गली को देख रहा हूं। यह गोरखपुर ही नहीं बल्कि मंडल का सबसे प्रसिद्ध मार्केट है, उसके बाद भी नगर निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यहां एक भी यूरिनल नहीं है। एक ही सुलभ शौचालय है जिसमें पेशाब करने वालों को भी पेमेंट करना पड़ता है। इस बारे में अभी कुछ दिन पहले एक पार्षद ने नगर निगम को लिखित कंप्लेन भी किया था लेकिन बात नहीं बनी। यदि गोलघर मार्केट के किसी साइड एरिया में व्यक्ति हो और उसे पेशाब लग जाए तो डेढ़ किमी। चलकर उसे इंदिरा बाल विहार जाना पड़ेगा। यही कारण है कि शहर के इस मेन मार्केट में हर जगह गंदगी और बदबू से सामना हो जाता है।
गोलघर मार्केट की खासियत
- 2 किमी। है रोड की लंबाई।
- 2000 दुकानें हैं मार्केट में।
- 5000 कर्मचारी व दुकान मालिक हैं मार्केट में।
- 100000 के करीब लोग डेली आते हैं मार्केट में।
- 14 के करीब शापिंग कॉप्लेक्स।
- 12 से ज्यादा बड़ी कंपनियों के शो रूम हैं मार्केट में।
यूरिनल के लिए यहां लेते हैं सहारा।
- गणेश चौराहा रोड।
- काली मंदिर के पीछे वाली गली।
- शेरे पंजाब के सामने और पुरानी दुकान के पीछे।
- बलदेव प्लाजा के पीछे।
- खोवा मंडी गली।
- गांधी गली।
- जलकल बिल्डिंग कैम्पस।
- एमपी इंटर कॉलेज ग्राउंड।
- कचहरी चौराहा।
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