गोरखपुर (ब्यूरो)।वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की श्रेणी में लाने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और पीएम ऑफिस को पत्र लिखेंगे।
1,000 करोड़ का है प्रावधान
वीसी ने कहा कि इस संदर्भ में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का एक प्रोजेक्ट बनाकर सबमिट करने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की ओर से 1000 करोड़ रुपए के अनुदान का भी प्रावधान है। वर्तमान में बीएचयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जादवपुर यूनिवर्सिटी, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई जैसे 10 संस्थानों को इंस्टीट्यूट आफ एमेनेंस घोषित किया गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक मान्यता योजना है, जिसे 2017 में यूजीसी ने शुरू किया। 1,000 करोड़ के अनुदान के साथ इन इंस्टीट्यूट्स को अधिक प्रशासनिक (जैसे शुल्क निर्धारित करना) और अकादमिक स्वायत्तता दी जाती है।
10 डिपार्टमेंट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएं
वीसी ने कहा कि इसके साथ ही डीडीयूजीयू 'यूनिवर्सिटी विद पोटेंशियल ऑफ एक्सीलेंसÓ का प्रोजेक्ट जमा करने जा रही है। जिसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान है। हमारा टारगेट है कि यूनिवर्सिटी के 10 डिपार्टमेंट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएं। इसके लिए डिपार्टमेंट्स का सेलेक्शन जल्द ही किया जाएगा और उनके प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और यूजीसी को भेजा जाएगा। वीसी ने कहा कि हमें एजुकेशन सेक्टर के ट्रेंड को समझकर आगे काम करना होगा।