गोरखपुर (ब्यूरो)। पाठ्यक्रम में बदलाव पर विचार-विमर्श और उसका प्रारूप तय करने के लिए विधि संकाय के अधिष्ठाता ने आगामी 16 जुलाई को बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक बुलाई है। बैठक में विश्वविद्यालय के साथ-साथ डिग्री कालेज के शिक्षकों का बोर्ड जिस निर्णय पर पहुंचेगा, उसपर विधि विशेषज्ञों की दो सदस्यीय वाह्य कमेटी की सहमति भी प्राप्त की जाएगी। विद्या परिषद की स्वीकृति और कार्य परिषद की मंजूरी के बाद नए कानून को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना दिया जाएगा। यानी नए सत्र से एलएलबी और बीए-एलएलबी के विद्यार्थी नए कानून का ही अध्ययन करेंगे।

सामंजस्य बैठाने में जद्दोजहद

बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में बोर्ड के सदस्य इसका अध्ययन भी करेंगे कि उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय नए कानून को पाठ्यक्रम में स्थान देने के लिए क्या तरीका अपना रहे हैं। जो विद्यार्थी पहले से एलएलबी प्रथम या द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर चुके हैं, उनके पाठ्यक्रम में नए और पुराने कानून का सामंजस्य कैसे बैठा रहे हैं। अध्ययन में जो तरीका बेहतर पाएंगे, नए पाठ्यक्रम के निर्माण में उसे अपनाएंगे।

रूपरेखा तैयार करने में जुटे शिक्षक

विधि संकाय निरंतर इस कोशिश में लगा है कि पाठ्यक्रम के बदलाव से पुराने विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो। वह नए कानून का अध्ययन भी उसी सहजता से करें, जिस तरह से पुराने कानून का करते रहे हैं। विश्वविद्यालय 10 जुलाई से खुल रहा है, इसलिए संकाय के शिक्षकों की यह योजना है कि बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक से पहले नए पाठ्यक्रम की प्राथमिक रूपरेखा तैयार कर ली जाए। इसे लेकर सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर लिया जाए, जिससे बोर्ड की बैठक में पाठ्यक्रम के प्रारूप को अंतिम रूप देने में आसानी हो।

स्टूडेंट्स को हो सकती है समस्या

बोर्ड आफ स्टडीज के सदस्य और विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा। वेद प्रकाश राय ने बताया कि नए कानून को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने से अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को परेशानी होगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी दिक्कत आएगी। शिक्षकों को भी इस ²ष्टि से खुद को अपडेट करना होगा। बोर्ड की बैठक में इस मुश्किल को आसान करने को लेकर भी चर्चा करने की कोशिश होगी।

रेमेडियल क्लास चलाने पर विचार

संकाय के शिक्षक नए कानून को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के साथ ही इसे पढऩे में पुराने विद्यार्थियों की सहूलियत की ङ्क्षचता भी कर रहे हैं। पुराने कानून की पढ़ाई करने के बाद एलएलबी के दूसरे व तीसरे वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नए कानून की पहले और दूसरे वर्ष की पढ़ाई कराने के लिए रेमेडियल क्लास चलाने पर विचार कर रहे हैं। इस क्लास के संचालन पर भी बोर्ड आफ स्टडीज में चर्चा होगी।

बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से नए कानून को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्देश जारी हुआ है। इसे लेकर विभाग स्तर पर चर्चा निरंतर हो रही है। चर्चा को पाठ्यक्रम का स्वरूप देने के लिए 16 जुलाई को बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक बुलाई गई है। नए सत्र में विद्यार्थियों को नए कानून वाला पाठ्यक्रम पढऩे को मिले और इसमें उन्हें कोई परेशानी भी न आए, इसकी ङ्क्षचता विभाग कर रहा है।

प्रो। अहमद नसीम, अधिष्ठाता, विधि विभाग, डीडीयूजीयू