गोरखपुर (ब्यूरो)। नतीजा पेपर तो खराब हो ही रहा है, यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं को लेकर छात्रों में नाराजगी भी खूब पनप रही है। बीएड और राष्ट्रगौरव जैसी बड़ी परीक्षाएं तो स्टूडेंट्स ने झूलते हुए एग्जाम दे दिया। लेकिन महीने के अंत में शुरू होने जा रही प्रवेश परीक्षा यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए कठिन टास्क होगी। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस स्थित आर्ट्स फैकल्टी, दीक्षा भवन और अन्य भवनों का अधिग्रहण कर लिया था। वहीं, काउंटिंग से पहले बैलेट बॉक्स जमा करने के लिए यहां कमरों में लगी बेंचेज को उखाड़ दिया गया था। वहीं, बाद में जब इन बेंचेज को दोबार इंस्टाल किया गया तो इसके नट-पुर्जों से लेकर पटरों तक का शेप बदल गया। इसके बाद से ही छात्रों को झूलते बेंचों पर एग्जाम देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एंट्रेंस एग्जाम कराना होगा बड़ी चुनौती
डीडीयू में 27 जून से होने वाले एंट्रेंस एग्जाम के लिए रविवार तक 59534 कैंडिडेट्स ने आवेदन किया है। 15 जनवरी तक आवेदन की डेट्स बढऩे के बाद अब इस संख्या में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। ऐसे में इसबार के एंट्रेंस एग्जाम कराना डीडीयू प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। वहीं, यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र संगठनों का कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जल्द ही व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया तो वे आंदोलन करेंगे।
राष्ट्रगौरव की परीक्षा में पसीने से भीगे स्टूडेंट
राष्ट्रगौरव की परीक्षा देने आए बीकॉम के स्टूडेंट नीरज ने बताया कि हमारे कमरे में न तो पंखा चल रहा था न ही कोई लाइट जल रही थी। उन्होंने बताया कि पूरी परीक्षा के दौरान अंधेरा होने के चलते काफी दिक्कत महसूस हुई। वहीं, गर्मी के चलते पसीना पेपर पर गिर रहा था। नीरज ने बताया कि रही-सही कसर कमरें में लगी बेंचों ने पूरी कर दी। लगातार हिलती बेंचों के चलते पूरा पेपर ही खराब हो गया।
बिना सिटिंग प्लान के बैठा दिया पांच से सात स्टूडेंट
आट्र्स फैकल्टी में एग्जाम देने वाले आदित्य ने बताया कि सोमवार को सुबह की पाली में हुई राष्ट्रगौरव की परीक्षा में एक बेंच पर पांच से सात स्टूडेंट्स को बैठा कर एग्जाम कराए गए। उन्होंने बताया कि एक तो बेंच और पंखे की खराब हालत ऊपर से एक बेंच पर क्षमता से अधिक स्टूडेंट को बैठाने के चलते बुरा हाल हो गया। उन्होंने बताया कि कोई सिटिंग प्लान न होने के चलते कोई कहीं भी बैठ जा रहा था। इससे पी-सेवन भरने में भी काफी परेशानी हुई।
आट्र्स फैकल्टी से दीक्षा भवन तक दौड़ लगाते रहे स्टूडेंट
सुबह की पाली में आयोजित राष्ट्रगौरव की परीक्षा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बिना किसी सिटिंग प्लान के ही करा दी। यूनिवर्सिटी की ओर से कैंडिडेट्स को सेंटर के तौर पर आर्ट्स फैकल्टी, दीक्षा भवन और होम साइंस डिपार्टमेंट की सूचना दी गई थी। वहीं, इन भवनों के बाहर भी सिटिंग प्लान की नोटिस नहीं लगाई गई थी। ऐसे में राष्ट्रगौरव की परीक्षा देने पहुंचे स्टूडेंट्स एग्जाम शुरू होने के आधे घंटे बाद तक आर्ट््स फैकल्टी से दीक्षा भवन के बीच दौड़ लगाते रहे। आलम यह रहा कि जिसको जहां जगह मिली वो वहीं बैठ कर परीक्षा देने लगा। एग्जाम के दौरान कक्ष निरीक्षकों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
60 स्टूडेंट्स की क्लास में बैठे 90 से अधिक छात्र
होम साइंस डिपार्टमेंट में राष्ट्रगौरव की परीक्षा देने वाली स्वाती ने बताया कि यहां उनकी क्लास की मैक्सिमम क्षमता 60 स्टूडेंट्स की थी। जबकि क्लास में 90 से ज्यादा स्टूडेंट्स को परीक्षा में बैठा दिया गया। ऐसे में भीषण गर्मी में परीक्षा के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्वाती ने बताया कि एक बेंच पर पांच से सात छात्रों को बैठाया गया था। इससे गर्मी के साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो रही थी। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में इस तरह की घटिया व्यवस्था होगी, मैंने ऐसी कल्पना भी नहीं की थी।
सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा वॉयरल
वहीं, यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहा है। इसमें चुनाव के बाद कमरों में लगाई गई बेंच-डेस्क बुरी तरह से हिलती-डुलती नजर आ रही है। वॉयरल वीडियों में साफ दिख रहा कि क्लास की बेंचेज कुछ इस तरह लगाई गई हैं कि यहां एग्जाम देना तो दूर इसपर थोड़ी देर तक बैठना भी मुश्किल है। वहीं, टूटी बेंचों से स्टूडेंट्स को चोट लगने की संभावना भी बनी हुई है।
राष्ट्रगौरव की परीक्षा के दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन की घटिया व्यवस्था से काफी निराश हूं। यहां किसी तरह का कोई सिटिंग प्लान नहीं बनाया गया था। जिसका जहां मन किया वहां बैठकर एग्जाम दिया। खूब नकल हुई।
- सचिन चौधरी, स्टूडेंट
एक सीट पर पांच से सात स्टूडेंट्स को ठूंस कर बैठाया गया था। क्लासेज में न तो पंखा चल रहा था और न ही लाइटें सही थीं। पूरी परीक्षा पसीना पोछते बीती ऐसे में मेरा पेपर भी खराब हो गया।
- वीरेंद्र, स्टूडेंट
एग्जाम सेंटर को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया था। आर्ट्स फैकल्टी से लेकर दीक्षा भवन के बीच काफी चक्कर लगाने पड़े। इससे पेपर में बैठने में भी लेट हो गया। परीक्षा में जिसका जहां मन किया बैठकर एग्जाम दे दिया, जैसे कोई नियम-कानून है ही नहीं।
- सुधांशु पासवान, स्टूडेंट
क्लासेज की बेंच इतनी बुरी तरह से हिल रही थी कि डर लग रहा था कहीं गिर न जाऊं। ऐसे में एग्जाम काफी मुश्किल हो रहा था। वहीं, एक बेंच पर पांच से सात बच्चों को ठूंसकर बैठाया गया था। मेरा पेपर सिर्फ अव्यवस्था के चलते खराब हुआ है।
- प्रवीन, स्टूडेंट
जिला प्रशासन से बात की गई है। क्लासेज की व्यवस्थाओं में सुधार का काम तेजी से चल रहा है। कोशिश है कि इस हफ्ते के अंत तक सभी क्लासेज की स्थिति सही कर ली जाए। प्रवेश परीक्षा के कैंडिडेट्स को कोई परेशानी नहीं होनी दी जाएगी।
- डॉ। कुलदीप सिंह, परीक्षा नियंत्रक, डीडीयू