गोरखपुर (ब्यूरो)।फोर ईयर प्रोग्राम में मेन सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट्स की स्किल डेवलपमेंट पर भी फोकस है। कमेटी इसके लिए उन कोर्सेज की लिस्ट तैयार कर रही है, जिन्हें स्किल डेवलपमेंट के लिए मेन सब्जेक्ट के साथ पढ़ाया जा सके।

रोजगारपरक कोर्स शामिल

कमेटी ऐसे करीब दो दर्जन कोर्सेज को सूचीबद्ध कर चुकी है, जिनमें भाषा ज्ञान, कंप्यूटर नॉलेज, सॉफ्टवेयर नॉलेज, वित्तीय प्रबंधन, संगीत, रंगकर्म, आर्गेनिक फार्मिंग, अनुवाद कला, लैब मैनेजमेंट, काउंसङ्क्षलग, फोटोग्राफी, सोशल मीडिया मार्केङ्क्षटग जैसे विविधतापूर्ण और रोजगारपरक कोर्स शामिल हैं। नाथ पंथ व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार एवं दर्शन, भारतीय ज्ञान परंपरा, संवैधानिक मूल्य और अधिकार, डिजिटल सशक्तिकरण, आपदा प्रबंधन, साइबर सिक्योरिटी, नगर नियोजन आदि में स्नातक अध्ययन के दौरान ही स्टूडेंट्स को दक्ष करने की यूनिवर्सिटी की योजना है। कमेटी की पूरी कोशिश है कि वर्तमान तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के मुकाबले चार वर्षीय पाठ्यक्रम सरल, स्पष्ट और लचीला बनाया जाए, जिससे पठन-पाठन और परीक्षाओं की जटिलताओं से छात्र और शिक्षक दोनों को राहत मिल सके।

सभी को मिले पर्याप्त समय

कमेटी के संयोजक प्रो। हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि वीसी प्रो। पूनम टंडन का साफ निर्देश है कि चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम व्यावहारिक व रोजगारपरक हो। इसे ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। फोर ईयर यूजी प्रोग्राम भले ही सत्र 2024-25 से लागू होगा लेकिन यूनिवर्सिटी इसका स्वरूप जल्द से जल्द इसलिए तैयार कर लेना चाहती है, ताकि इसके क्रियान्वयन का खाका और उससे संबंधित तैयारियां पूरी करने के लिए यूनिवर्सिटी के विभागों और कालेजों को पर्याप्त समय मिल सके। यही वजह है कि समिति ने छुट्टी के दौरान इसे लेकर कई बैठकें कीं। इसमें प्रो। संदीप कुमार, प्रो। विजय कुमार, प्रो। गौरहरि बेहरा, प्रो। राजर्षि गौड़ और प्रो। प्रत्युष दुबे इसमें सदस्य के तौर पर शामिल हैं।