गोरखपुर (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी की ओर से वीसी प्रो। पूनम टंडन और नाइलिट की तरफ से महानिदेशक डॉ। मदन मोहन त्रिपाठी ने एमओयू पर सिग्नेचर किए। इस करार के बाद यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज के स्टूडेंट्स के लिए नाइलिट की ओर से ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में विभिन्न परीक्षाओं के संचालन के लिए बुनियादी ढांचा व लैब की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही स्टूडेंट्स को उनके पाठ्यक्रम के हिसाब से सामग्री भी प्रदान की जाएगी।
टीचर्स को भी फायदा
एमओयू के बाद स्टूडेंट्स के लिए फ्यूचर स्किल्स, डिजिटल स्किल्स, इमर्जिंग टेक्नोलाजी के क्षेत्र में प्रशिक्षण में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी। यही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट आफ ङ्क्षथग्स, साइबर सुरक्षा, साइबर कानून, डेटा साइंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकी विषयों का भी संचालन हो सकेगा, इससे शिक्षक और छात्र दोनों ही लाभान्वित होंगे। कुलपति प्रो। पूनम टंडन व डॉ। एमएम त्रिपाठी ने बताया कि यह परस्पर सहयोग भारतीय शैक्षिक नीति फ्रेमवर्क और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय विकास में योगदान देने के लिए बेहतर और कौशल उन्मुख सर्वांगीण पेशेवरों के विकास के लिए उद्योग, संस्थानों और शिक्षा जगत को एक साथ लाना है। समर इंटर्नशिप, प्लेसमेंट, फील्ड विजिट, कार्यशालाओं, सम्मेलनों आदि से कुशल युवा निकलेंगे। कुलपति ने कहा कि यह समझौता स्टूडेंट्स को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्यमशीलता व कौशल विकास के लिए उद्योग एवं एकेडमिक अंतर को पाटकर उद्योग के लिए तैयार करने में मददगार होगा। इस दौरान एमईआइटीवाई के सचिव एस। कृष्णन व आर्थिक सलाहकार कुंतल सेन सरमा आदि मौजूद रहे।