-आरटीओ आरआई का नया कारनामा आया सामने
-परमानेंट डीएल एग्जाम में किसी को नहीं करते फेल
-चार महीने में 12 हजार अप्लीकेंट्स को बिना टेस्ट ही जारी कर दिया लाइसेंस
GORAKHPUR: वैसे तो आरटीओ अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के कारनामे किसी से छिपे नहीं हैं। आई नेक्स्ट की पड़ताल में आरटीओ आरआई का जो कारनामा सामने आया है वो बेहद चौंका देने वाला है। एक ओर जहां लर्निग डीएल के ऑनलाइन टेस्ट 15-20 फीसदी अप्लीकेंट्स भी पास वहीं कर पा रहे। वहीं, पता चला कि आरआई ने बीते चार महीने में परमानेंट डीएल के करीब 12 हजार अप्लीकेंट्स में से कोई फेल नहीं हुआ है।
एक भी नहीं हुआ फेल
मई से अगस्त तक आरटीओ के परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस रिकार्ड पर नजर डालें तो बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं। इन चार महीनों के दौरान यहां परमानेंट डीएल के लिए आने वाला एक भी आवेदक एग्जाम में फेल नहीं हुआ है। इन सभी को आरआई की मेहबानी से बिना टेस्ट दिए ही डीएल जारी कर दिया गया।
बिना टेस्ट के ना दें डीएल
वहीं, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से बार-बार आरटीओ को पत्र लिखकर निर्देशित किया जा रहा है कि किसी भी दशा में बिना टेस्ट लिए परमानेंट डीएल न दिया जाए। इसके लिए ये भी निर्देश है कि अगर एक दिन में टेस्ट प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती तो दो से तीन दिन का टाइम लें, लेकिन बिना टेस्ट कतई लाइसेंस नहीं जारी ि1कया जाएगा।
ओरल में भी सब पास
आरटीओ के सूत्रों के मुताबिक, आरआई के इस कारनामे को लेकर कई बार आरटीओ अधिकारियों व आरआई के बीच ठन भी जाती है। लेकिन हर बार आरआई यहां ड्राइविंग ट्रैक ना होने के कारण ओरल एग्जाम लेने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन, ऐसे में अगर आरआई अप्लीकेंट्स का ओरल टेस्ट भी लेते तो भी ये कैसे संभव है कि पूरे 12 हजार अप्लीकेंट्स इसमें आराम से पास हो गए।
टेस्ट फीस के साथ ही लेते डीएल फीस
ये भी पता चला है कि आरआई के बिना टेस्ट लिए लाइसेंस जारी करने की असली वजह है परमानेंट लाइसेंस पर उनका फिक्स रेट। सूत्र बताते हैं कि ऐसे तो परमानेंट लाइसेंस के लिए टू-व्हीलर के लिए पहले अप्लीकेंट को 200 रुपए टेस्ट फीस देनी होती है। इसके बाद अगर वे एग्जाम में पास होता है तो लाइसेंस के लिए 100 रुपए एक्स्ट्रा यानी टोटल 300 रुपए देने होते हैं। साथ ही अगर अप्लीकेंट फोर-व्हीलर के लिए भी अप्लाई करता है तो इसके लिए उसे 50 रुपए एक्स्ट्रा फीस और देनी होती है। लेकिन आरटीओ में परमानेंट लाइसेंस की फाइलें देखने पर कुछ और ही खेल देखने मिलता है। सभी फाइलों पर पहले ही 300 रुपए की फीस कटी रसीद लगी होती है। इससे जाहिर है एग्जाम में किसी को फेल ही नहीं करना। तभी उनके लाइसेंस की फीस भी पहले ही जमा करा ली जाती है।
फाइलों पर नहीं होता ऑर्डर
इस खेल का सच इससे भी पता चलता है कि परमानेंट लाइसेंस अप्लीकेंट्स की किसी भी फाइल के पीछे आरआई का ऑर्डर नहीं है। एग्जाम लेने के बाद फाइल के पीछे बने कॉलम में आरआई को एग्जाम की पूरी डिटेल कर ऑर्डर लिखना होता है। लेकिन अगर पुराने रिकार्ड चेक किए जाएं तो इनमें किसी भी फाइल पर आरआई ने ऑर्डर ही नहीं लिखा है।
जारी कर दिए 12,281 लाइसेंस
महीना आवेदक जारी
मई 2016 2843 2843
जून 2016 3182 3182
जुलाई 2016 3029 3029
अगस्त 2016 3227 3227
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वर्जन आरआई और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर