- अब भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं सभी नदियां
- चिकित्सीय सुविधा देने के लिए प्रशासन ने लगाए 4 हेल्थ ग्रुप
- अब तक 300 से ज्यादा लोगों को किया जा चुका है इलाज
GORAKHPUR: नेपाल में बारिश थमने से इसका असर गोरखपुर में भी नजर आने लगा है। पिछले 72 घंटों से ज्यादा समय से बढ़ रही नदियां रविवार को स्थिर हो गई। इस दौरान कुछ नदियों में थोड़ा बहुत बढ़त दर्ज की गई, लेकिन इससे उनके जलस्तर में कोई खास फर्क देखने को नहीं मिला। मगर जिस तरह मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में अच्छी बारिश की चेतावनी दी है, उससे आगे नदियों का जलस्तर में फर्क पड़ना तय है। वहीं नेपाल से लगातार डिस्चार्ज हो रहे पानी की वजह से इनका जलस्तर और भी बढ़ सकता है। पिछले एक हफ्ते से लोगों की नींद उड़ा रही रोहिन का जलस्तर भी अब कम होने लगा है और जिम्मेदारों ने राहत की सांस ली है।
तुर्तीपार और बर्डघाट में नदियां स्थिर
पिछले 48 घंटों से बारिश पर लगभग ब्रेक सा लग गया है, जहां हो भी रही है वहां छिटपुट बारिश हो रही है। इसकी वजह से नदियों का जलस्तर स्थिर हो गया है। तुर्तीपार में घाघरा जहां 30 जुलाई को शाम 4 बजे 64.2 मीटर पर थी, वहीं 31 जुलाई को सुबह 8 बजे इसका जलस्तर महज 5 सेमी ही बढ़ा। वहीं बर्डघाट में कमो-बेश राप्ती का भी यही हाल रहा। यहां राप्ती 75.21 से 75.28 के आंकड़े तक ही पहुंच सकी। इसके अलावा कई इलाकों में दोनों नदियों का पानी कम भी होने लगा है।
राहत बचाव जारी
नदियों के उफान से कई गांव जलमग्न हो गए। इन्हें रेस्क्यु करने के लिए जिला प्रशासन हर संभव कोशिशों में लगा हुआ है। वर्षा और बाढ़ से राहत काम में लगे हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी अपना काम बाखूबी अंजाम देना शुरू कर दिया है। बाढ़ राहत के लिए 4 मेडिकल टीम्स गठित की गई हैं। इन्होंने रविवार को 136 लोगों का उपचार किया। अब तक इस टीम की ओर से उपचार किए जाने वाले ग्रामीणों की तादाद 390 पहुंच चुकी है। मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो बाढ़ प्रभावित एरियाज में अब तक 35744 क्लोरीन की गोली डिस्ट्रिब्यूट की जा चुकी है, वहीं करीब 685 ओआरएस के पैकेट भी बांटे जा चुके हैं। आगे भी यह कार्रवाई जारी है।