- हर्ष फायरिंग के संबंध में कोर्ट के आदेश का भी अनुपालन नहीं कर रही पुलिस
GORAKHPUR: लाइसेंसी असलहों के दुरुपयोग रोकने की पुलिस की बातें चुनावी सभा के भाषण सरीखी हो चुकी है, जो सिर्फ पब्लिक को लुभाने के लिए की जाती है और शायद ही कभी पूरी होती है। यूं तो हर्ष फायरिंग को लेकर तमाम दिशा-निर्देश हैं लेकिन हकीकत में खुली छूट है। नतीजतन लगन सीजन में कहीं न कहीं, किसी न किसी को जान गंवानी पड़ रही है। विभिन्न मुकदमों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की लखनऊ और इलाहाबाद खंडपीठ प्रदेश पुलिस के मुखिया को कई बार गाइड लाइन जारी कर चुकी है। बावजूद पुलिस इस पर रोक नहीं लगा रही है।
थानेदारों पर होनी थी कार्रवाई
इसी साल मार्च माह में जारी डीजीपी सर्कुलर में हर्ष फायरिंग होने पर थानेदारों को जवाबदेह बताते हुए उन पर कार्रवाई की बात कही गई थी। लेकिन हर्ष फायरिंग रोकने लिए न तो थानेदारों ने कदम उठाए, न ही मासिक अपराध समीक्षा गोष्ठी में जिला पुलिस प्रमुखों ने इसे गंभीरता से लिया। इतना ही नहीं, थानेदारों पर कार्रवाई की बात भी हवा में उड़ गई। इसका खामियाजा खुशी के मौके पर मातम मनाकर लोगों को भुगतना पड़ रहा है। रविवार की रात कैंट एरिया के आवास विकास कॉलोनी कूड़ाघाट में आयोजित रिसेप्शन पार्टी में नशेडि़यों की गोली लगने से दूल्हे के भांजे की जान चली गई। तब पुलिस ने आरोपी दिलीप दुबे को पुलिस ने अवैध रिवाल्वर सहित पुलिस ने दबोच लिया। लेकिन, यदि पुलिस इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पहले ही गंभीरता दिखाती तो किसी की जान न जाती।
रद हो सकता है लाइसेंस
हर्ष फायरिंग के मामले में लाइसेंस शर्तो का उल्लंघन होता है। ऐसे में लाइसेंस कैंसिल करने का प्रावधान है। गोली चलाने वाले पर कारावास और जुर्माना या दोनों प्रकार के दंड से दंडित किया जा सकता है। लेकिन पुलिस कार्रवाई से बचती रहती है।
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डीजीपी के सर्कुलर में इन बिंदुओं पर जारी किए गए थे निर्देश-
- जिले की मासिक समीक्षा गोष्ठी में हर्ष फायरिंग के संबंध में अनिवार्य रूप से चर्चा की जाए।
- शादी विवाह में बंदूकों की हवाई फायरिंग, शौक में की जा रही फायरिंग की सूचना पर कार्रवाई करें।
- किसी कार्यक्रम में फायरिंग की पूर्व सूचना पर समुचित पुलिस प्रबंध कराया जाए।
- शादी विवाह या अन्य किसी मौके पर हर्ष फायरिंग की सूचना पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई करें।
- हर्ष फायरिंग रोकने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मदद भी ली जाए।
- शस्त्रों के गलत प्रयोग, प्रदर्शन, हवाई फायरिंग को शस्त्र अधिनियम का उल्लघंन बताते हुए प्रचार-प्रसार कराया जाए।
- हर्ष फायरिंग में किसी की मौत होने पर उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
- शादी विवाह, मेला, बसरात, पर्व त्योहार, सामाजिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों में असलहों के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाए।
- असलहों के दुरुपयोग पर एफआईआर दर्ज कराई जाए। ऐसे किसी मामले में अपराध का अल्पीकरण न किया जाए।
- फायरिंग होने पर संबंधित थाना क्षेत्र के प्रभारी जिम्मेदार होंगे।
- ऐसी किसी घटना के सामने आने पर जिले के पुलिस अधिकारी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
- आर्म्स लाइसेंस कैंसिल कराने के लिए सीओ कार्रवाई करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सीओ की होगी।
- तीन दिन के भीतर थाने से रिपोर्ट लेकर एसपी के माध्यम से जिला मजिस्ट्रेट को अवगत कराया जाएगा।
- व्यक्तिगत रूप से पुलिस अधिकारी पैरवी करके एक माह के भीतर लाइसेंस निरस्त कराएंगे।
- लाइसेंस निरस्त कराने के साथ ही असलहों को जमा करा लिया जाएगा।
- हर माह जोन, रेंज की मीटिंग में शस्त्र लाइसेंस निलंबित और निरस्त करने के मामलों की रिपोर्ट दी जाएगी।
- एसओ के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
- अपने थाना क्षेत्र में विवाह स्थल, होटल, गेस्ट हाउस के मालिकों और मैनेजर के साथ बैठक करके जानकारी दी जाए।
- किसी मैरेज हाल, होटल या लान में फायरिंग होने पर उसका भी लाइसेंस निरस्त कराया जाए।
इन घटनाओं में लोगों ने गंवाई जान
11 दिसंबर 2016: कैंट एरिया के गिरधरगंज में हर्ष फायरिंग में बालक की मौत
मार्च 2016: खोराबार एरिया के जंगल चंवरी में हर्ष फायरिंग के दौरान एक व्यक्ति घायल
चार मई 2015: चिलुआताल एरिया के उमरपुर में हर्ष फायरिंग में युवक घायल, भगदड़
16 दिसंबर 2016: सिकरीगंज एरिया के बनकट गांव में द्वारपूजा देखने गई युवती घायल