- पीडि़त की सूचना पर मौके पर होगी कार्रवाई
- पीआरवी के साथ लोकल थाना की जिम्मेदारी
GORAKHPUR: महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा रोकने में पुलिस की हेल्पलाइन 112 ज्यादा प्रभावी होगी। महिलाओं की शिकायतों को साफ्टवेयर के जरिए मानीटरिंग की जा सकेगी। शिकायतों पर हुई कार्रवाई और उसके रिजल्ट को एनलाइज किया जाएगा। इंटरनेशनल वुमेंस डे की पूर्व संध्या पर डीजीपी ने एडवाजरी की। उनके निर्देश पर जिले की पुलिस भी प्रबल प्रतिक्रिया की तैयारी में जुट गई है। पुलिस अफसरों का कहना है कि इससे घरेलू हिंसा के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। महिलाओं को थानों और पुलिस चौकियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
छह माह में दूसरी शिकायत, मौके पर निस्तारण
आमतौर पर घरेलू की हिंसा की शिकायत मिलने पर पीआरवी पहुंचती है। फिर इस मामले में दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने के लिए थानों पर बुला लिया जाता है। ज्यादातर मामलों को महिला थाना पर भेजकर निस्तारित कराए जाते हैं। इससे कई दिनों तक परेशान होने पर महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता। इसको देखते हुए नई व्यवस्था की गई है। छह माह के भीतर किसी महिला की दोबारा शिकायत मिलने पर उसके दरवाजे पर न्याय किया जाएगा। महिला के आसपास एरिया में ड्यूटी पर मौजूद पीआरवी, महिला पीआरवी और लोकल पुलिस स्टेशन की पुलिस पहुंचेगी। यदि नजदीक में महिला थाना है तो वहां की प्रभारी अपनी टीम के साथ पीडि़त से संपर्क करेंगी। मौके पर ही पीडि़त की शिकायतों पर एक्शन लिया जाएगा। कार्रवाई का ब्यौरा अपडेट करने के लिए एक साफ्टवेयर डेवलप किया गया है। इसमें दर्ज मामलों को एनलाइज कर आगे के निर्देश जारी होंगे।
ऐसे काम करेगी पुलिस टीम
महिलाओं की शिकायतों पर लोकल पुलिस टालमटोल करती है। टॉल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायत की सही तरीके से मानीटरिंग नहीं हो पाती। इसलिए पूर्व से रजिस्टर्ड किसी महिला की शिकायत जैसे ही 112 को मिलेगी। कॉल सेंटर पर मौजूद कॉल टेकर को साफ्टवेयर के जरिए पूरी जानकारी मिलेगी। स्क्रीन पर पता चला जाएगा कि पीडि़त का घरेलू हिंसा से संबंधित मामला पूर्व में दर्ज है। उसे पुलिस बल के प्रबल प्रतिक्रिया की जरूरत है। काल सेंटर के निर्देश पर पीआरवी और महिला पीआरवी पहुंचेगी। इस सूचना पर लोकल पुलिस भी मौके पर जाएगी। पीडि़त महिला के रेस्क्यू कराने की जरूरत पर 181 नंबर पर कॉल कर व्हीकल भी मंगाई जा सकेगी। पूरी कार्रवाई का सुपरविजन पीआरवी के नोडल अफसर, जिले के पुलिस अधिकारी भी करेंगे। 112 हेडक्वार्टर से कॉल कर पीडि़त महिला से उसका फीडबैक लिया जाएगा।
महिलाओं को करेंगे प्रोत्साहित
घरेलू हिंसा के प्रति महिलाओं को जागरूक करने, उनको त्वरित राहत दिलाने के लिए पुलिस व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेगी। यूपी पुलिस की तरफ से अभियान चलाकर महिलाओं को 112 पर सूचना रजिस्टर्ड कराने की जानकारी दी जाएगी। यदि उनके साथ किसी तरह की घरेलू हिंसा होती है तो वह कैसे शिकायत दर्ज करा सकती हैं। इसके बारे में जानकारी देने के लिए टीम का गठन होगा।
यह कदम उठाएगी पुलिस
-पीडि़त महिला से संबंधित पूरा डाटा साफ्टवेयर में फीड होगा।
-महिला की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी।
-महिलाओं की शिकायत पर हुई कार्रवाई की समीक्षा नियमित ढंग होगी।
-घरेलू हिंसा के मामलों को 112 पर रजिस्टर्ड कराने के लिए पुलिस अवेयर करेगी।
-रजिस्ट्रेश कराने वाली महिलाओं के रिश्तेदार, परिवारीजनों को समझाया जाएगा।
-पीआरवी कर्मचारी पीडि़त महिला की जीपीएस लोकेशन दर्ज करेंगी।
-टीम मौजूद कांस्टेबल समस्या का पूरा ब्यौरा रजिस्टर पर दर्ज करेंगे।
-दोबारा कॉल करने पर महिला के संबंध में पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी।
वर्जन
घरेलू हिंसा के मामलों के निस्तारण में इससे काफी मदद मिलेगी। इसकी नियमित समीक्षा होने से किसी तरह की मनमानी नहीं हो सकेगी। पीडि़त महिलाओं की कॉल पर पुलिस मौके पर कार्रवाई भी कर सकेगी।
डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी