- कैदियों को कोर्ट में पेशी पर ले जा रही वैन का खुला रहा ताला
- पूरे शहर में आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने किया फॉलो
- किसी भी मोड़ पर वैन का गेट खोल कैदी को उतारा जा सकता है
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arun.kumar@inext.co.in
GORAKGHPURL
जेल में बंद शातिर बदमाशों की फरारी के बावजूद पुलिस कितनी अलर्ट है, इसका नजारा मंगलवार को दिखा। कोर्ट में पेशी पर ले जाए जा रहे बंदियों के वाहन के गेट पर बाहर से ताला ही नहीं लगा था। आई नेक्स्ट रिपोर्टर के स्टिंग में पता चला कि पेशी पर कैदियों को ले जाते वक्त जबर्दस्त लापरवाही बरती जा रही है। हालत यह है कि किसी भी भीड़ भरे चौराहे पर बंदियों को वाहन का गेट
बिना ताला बंद चली वैन
समय: दोपहर 12.50 बजे
स्थान- मोहद्दीपुर चौराहे के पास
मंगलवार की दोपहर रिपोर्टर मोहद्दीपुर चौराहे से गुजर रहा था। तभी उसकी नजर एक बंदी वैन पर पड़ी जो जेल से बंदियों को लेकर कोर्ट जा रही थी। वैन में पांच-छह बंदी और सुरक्षा कर्मचारी मौजूद थे। चौराहे पर ट्रैफिक थमने के दौरान कुछ देर के लिए वैन रुकी। तभी रिपोर्टर की नजर पुलिस वैन में पीछे लगे ताले पर पड़ी। बंदियों को भीतर बैठाने के बाद पुलिस कर्मचारी ताला बंद करना भूल गए थे। बिना ताला बंद किए बंदियों से भरी वैन जेल से कचहरी जा रही थी।
कोई भी आसानी से खोल दे दरवाजा
समय: 12.58 बजे
स्थान: पैडलेगंज तिराहा
मोहद्दीपुर चौराहे से पुलिस वैन आगे बढ़ी। पैडलेगंज तिराहे पर ट्रैफिक होने से कांस्टेबल ड्राइवर ने ब्रेक लिया। वैन के आगे-पीछे रोडवेज की बसें थी। तिराहे के पहले पुलिस वैन की ड्राइवर ने ब्रेक लिया। दोनों ओर से गाडि़यां आ- जा रही थीं। करीब एक मिनट रुकने के बाद वाहन रवाना हुआ।
घिरा रहा वाहन
समय: 01.00 बजे
स्थान: छात्रसंघ चौराहा
पैडलेगंज से पुलिस की वैन छात्रसंघ चौराहे पर पहुंची। छात्रसंघ चौराहे पर चारों ओर से वाहनों का रेला लगा था। इसलिए कबाड़ी मार्केट पर पुलिस की बंदी वैन फंस गई। करीब तीन मिनट तक वैन रुकी रही। ट्रैफिक सामान्य होने पर कचहरी की ओर बढ़ी।
दीवानी कचहरी गेट पर लगा जाम
समय: 01.04 बजे
स्थान: दीवानी कचहरी, कैंट थाना गेट
करीब चार मिनट में पुलिस वैन दीवानी कचहरी गेट पर पहुंच गई। वहां कचहरी में जाने के लिए गाड़ी मोड़ने की कोशिश की। ट्रैफिक होने से दो मिनट तक गाड़ी खड़ी रही। कैंट थाना रोड पर जाम लग गया। फिर मौका देखकर ड्राइवर ने गाड़ी मोड़ ली। गेट बंद होने से ताला खुलने का इंतजार करना पड़ा। लॉकअप से गेट का ताला खोलने की इजाजत मिलने पर गेट खोलकर वैन को लॉकअप तक पहुंचाया गया। इसमें तकरीबन पांच मिनट का समय लगा।
ये इसलिए खतरनाक है
- पुलिस वैन में ताला नहीं बंद था, - वैन में सवार पुलिस कर्मचारी भी अलर्ट नहीं थे।
- ट्रैफिक के बीच वैन रुकने पर कोई भी गेट खोलकर भीतर घुस जाएगा।
- गेट खुलने पर बंदी भाग सकते हैं। या फिर कोई दूसरा गैंग हमले कर सकता है।
- हर जगह भीड़ वाली जगह पर आसानी से वैन गेट की कुंडी खोली जा सकती है।
मंडलीय कारागार की स्थिति
कुल बंदियों की क्षमता : 822
वर्तमान में बंदियों की तादाद : 1648
जेल से रोजाना कोर्ट में पेशी: औसतन 150 बंदी
चंदन भागा, फिर भी लापरवाही
मंडलीय कारागार से पेशी पर जाने के दौरान हर साल दो से ती बंदी फरार हो जाते हैं। गोरखपुर जिले में मऊ, आजमगढ़, देवरिया, महराजगंज सहित प्रदेश की अन्य जेलों के बंदी भी निरुद्ध हैं। उनको भी समय-समय पर पेशी के लिए कोर्ट में ले जाना पड़ता है। 31 मई की शाम बदायूं जेल में बंद शातिर चंदन सिंह आगरा मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया था। पेट में दर्द होने की शिकायत पर पुलिस उसे अस्पताल ले गई थी। इसके पहले भी चंदन सिंह पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर 12 अगस्त 2013 को फरार हो गया था। चंदन ंिसंह सहित कई अन्य शातिरों के फरार होने के बावजूद पुलिस नहीं चेत रही।
इनसे भी सबक नहीं ले रहे
11 जुलाई 2016: सिपाही को धक्का देकर बंदी कैंट थाना की गली में फरार हुआ।
25 अप्रैल 2016: महराजगंज जिले की जेल में बंद शातिर बदमाश पेशी के दौरान ले जाते समय हुआ फरार।
25 नवंबर 2015: दीवानी कचहरी के पेशी लॉकअप के टॉयलेट में सेंध लगाकर दो बंदी फरार हुए।
29 सितंबर 2014: गोरखपुर से संतकबीर नगर पेशी पर जाते समय बंदी सहजनवां में पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
वर्जन बाकी है