गोरखपुर (ब्यूरो)। पिछले साल 2022 में पुलिस ने 90 बदमाशों को दुराचारी घोषित किया था। साल 2023 के अगस्त माह में ही पुलिस ने शतक लगा दिया है। जनवरी से 17 अगस्त तक 122 बदमाशों को दुराचारी घोषित किया गया है। इस साल की दुराचारी लिस्ट में तिवारीपुर निवासी काला कौवा और चिलुआताल का शातिर बदमाश टमाटर भी शामिल हो गया है।
काला कौवा शातिर चोर
गुरुवार को तिवारीपुर पुलिस ने सूरजकुंड निवासी शातिर चोर दीपक उर्फ काला कौवा को दुराचारी घोषित किया। पुलिस ने बताया कि काला कौवा पलक झपकते ही बाइक का लॉक तोड़कर उसे उड़ा देता है। इसी तरह गोरखनाथ पुलिस ने अजय नगर निवासी शातिर बदमाश अरसलान को दुराचारी घोषित किया।
जेल में बंद हैं 130 एक्टिव दुराचारी
जिले में कुल 1520 दुराचारी हैं। इनमें से 135 निष्क्रिय हैं। पुलिस के मुताबिक 1370 दुराचारी अब भी एक्टिव हैं, इनमें से 130 को पुलिस जेल भेज चुकी है। वहीं, 676 ऐसे हैं जो सत्यापन के लिए बार-बार बुलाने पर भी थाने नहीं आ रहे।
चौरीचौरा में सर्वाधिक दुराचारी
चौरीचौरा 102
कोतवाली 46
राजघाट 49
तिवारीपुर 47
कैंट 28
खोराबार 58
रामगढ़ताल 20
गोरखनाथ 62
शाहपुर 47
कैंपियरगंज 53
पीपीगंज 62
सहजनवां 38
गीडा 47
चिलुआताल 63
झंगहा 82
पिपराइच 81
गुलरिहा 46
बांसगांव 73
गगहा 79
बेलीपार 51
गोला 51
बड़हलगंज 88
उरुवा बाजार 40
बेलघाट 28
खजनी 75
सिकरीगंज 48
हरपुर बुदहट 39
क्यों घोषित किए जाते दुराचारी
दुराचारी को हिस्ट्रीशीटर बोला जाता है। दुराचारी बनाए गए बदमाशों के इतिहास की हिस्ट्रीशीट होती है। एक्टिव बदमाशों की निगरानी के लिए उन्हें दुराचारी घोषित किया जाता है.हर दुराचारी की निगरानी के लिए एक-एक बीट सिपाही की ड्यूटी लगती है। नियमों के मुताबिक दुराचारी को सप्ताह में एक बार थाने या चौकी पर आकर हाजिरी भी देनी होती है।
ये रूल पुलिस को करना होगा फॉलो
-18 साल से कम उम्र की हिस्ट्रीशीट नहीं खोली जाएगी।
- शौकिया अपराध करने वालों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए।
- जो बदमाश एक्टिव हैं। उन्हीं की हिस्ट्रीशीट खोली जाए।
- रंजिश में दर्ज अभियोगों के आधार पर हिस्ट्रीशीट न खोलें।
- यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम की कारवाई को हिस्ट्रीशीट खोलने का आधार न बनाएं।
- एसएसपी संतुष्ट होने पर हिस्ट्री शीट खोलने की अनुमति दें।
- 18 से 21 साल के अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले सीबीसीआइडी से 15 दिनों में रिपोर्ट ली जाए।
- हिस्ट्रीशीटरों की सूचना आनलाइन भी अवेलबल कराई जाए।
ए कैटेगरी के दुराचारी
चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं।
बी कैटेगरी के दुराचारी
यह पेशेवर अपराधी होते हैं।
अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बदमाशों को दुराचारी घोषित करते हुए उनकी हिस्ट्रशीट खोली जा रही है। अब छोटे मोटे अपराध करके भी कोई बच नहीं पाएगा।
डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर