- दवा मांगने पर गुंडई पर उतरे डॉक्टर, तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

- सर्जिकल ब्लेड से हमला करने का आरोप, एक तीमारदार को कमरे में बंद कर दिया

- सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी बरपाया कहर, तीमारदारों को रोड से घसीटकर हटाया

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सोमवार को डॉक्टर गुंडे बेदर्द बन बैठे। महिला पेशेंट को ड्रिप लगाने की बात कहने पर तीमारदारों पर कहर बरपाया। एक परिजन को तो कमरे में बंद कर दिया। हालत यह हो गई कि डॉक्टरों से बचने के लिए तीमारदार अपने पेशेंट को लेकर भागने लगे। वहीं घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तो ज्यादती की हद ही कर दी। डॉक्टरों को रोकने या हिरासत में लेने के बजाय तीमारदारों व उनके पक्ष में खड़े लोगों के ही दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। डॉक्टरों और पुलिस की पिटाई के विरोध में परिजन मेडिकल गेट के सामने सड़क पर लेट गए। पुलिस ने उन्हें वहां से भी पीटकर भगा दिया।

ड्रिप न लगने पर की शिकायत

कुशीनगर जिले के विशुनपुर, चाप दुबौली निवासी मोहम्मद निजामुद्दीन की पत्‍‌नी खुशबू निशा के सिर में चोट लगी थी। रविवार को परिजनों ने उसे मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर के सर्जरी विभाग के बेड नंबर चार पर भर्ती कराया। महिला के साथ उसका बेटा आजाद अली, भाई नियाज, असगर अली, मंजूर अली सहित कई लोग थे। सोमवार की दोपहर महिला को दवा की डोज ड्रिप में दी जा रही थी। करीब सवा दो बजे ड्रिप खत्म हो गई। परिजनों ने ड्रिप लगाने की गुहार ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्सेज से लगाई। कई बार कहने पर नर्सेज ने पेशेंट की बोतल नहीं बदली। इसकी शिकायत परिजनों ने डॉक्टरों से की। इलाज में लापरवाही की बात सुनकर डॉक्टर भड़क गए।

जमकर धुना, मची भगदड़

आरोप है कि डॉक्टरों ने पेशेंट के बेटे आजाद अली को पीटना शुरू कर दिया। उसके बचाव में आए मामा आजाद अली और रिश्तेदार नियाज को भी पीटने लगे। सर्जिकल ब्लेड से आजाद हमला कर दिया। नियाज अली को कमरे में बंद कर दिया। पिटाई होने पर तीमारदार अपने मरीज को लेकर भाग खड़े हुए। ट्रामा सेंटर में बवाल होने से अन्य मरीज और उनके तीमारदार सकते में आ गए। लोगों में भगदड़ मचने पर गेट के सुरक्षा गार्डो ने भी बदसलूकी की। अस्पताल में हुई हरकत से नाराज तीमारदार मेडिकल कॉलेज चौकी के सामने पहुंच गए। लोगों ने सड़क पर लेटकर जाम लगा दिया। जाम लगने की सूचना पर गुलरिहा पुलिस पहुंची। करीब 20 मिनट तक जाम लगा रहा। तीमारदारों को किसी तरह से पोस्टमार्टम हाउस के पास पेड़ के नीचे ले गई।

हिमायत में पहुंचे लोगों की हुई पिटाई

पुलिस के पहुंचने पर परिजनों ने इंसाफ मांगना शुरू कर दिया। परिजनों ने चिल्लाकर कहना शुरू कर दिया कि डॉक्टर नहीं ये मेडिकल कॉलेज के गुंडे हैं। उनके समर्थन में कई तीमारदार खड़े हो गए। लोगों ने आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। लेकिन पुलिस ने सबको जबरन हटाने की कोशिश की। हाट टॉक होने पर पुलिस ने हिमायती बन रहे लोगों की ही पिटाई शुरू कर दी। मेडिकल कॉलेज के एक कर्मचारी को दौड़ाकर पीटा। उसे जीप में जबरन डालकर थाने ले जाने लगे। जीप से निकलकर उसने भागने की कोशिश की तो पीटा। मोबाइल से रिकार्डिग होता देखकर एसओ ने उसे भगा दिया।

फेंका बोरिया-बिस्तर

पुलिस की हरकत देखकर तीमारदार दोबारा सड़क पर पहुंच गए। लोगों ने जाम लगाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। सख्ती दिखाकर मरीज और उसके तीमारदारों को जबरन बोरियां-बिस्तर सहित भगाने लगे। सख्ती दिखाकर परिजनों और पेशेंट को टेंपो में लादकर चलता कर दिया। लौटने पर मुकदमा लिखकर कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

जूनियर डॉक्टरों ने किया काम ठप

मरीज और तीमारदारों की पिटाई के बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। कामकाज ठप करके तीमारदारों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। दो घंटे के बाद प्रिंसिपल से मिलने पहुंचे। जूनियर डाक्टरों की हरकत पर प्रिंसिपल ने उनको जमकर फटकार लगाई। मामला सर्जरी विभाग के हेड योगेश पाल के पास पहुंचा। योगेश पाल की चेतावनी पर डॉक्टर काम पर लौट आए। लेकिन डॉक्टरों की हरकत से ट्रामा सेंटर में दहशत बनी रही।

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