- शहर का प्लेयर होने के बाद भी प्लेइंग एलेवन में अचिंत्य यादव को नहीं मिल सकी जगह

- इससे पहले 1974 में हुए रणजी मैच में गोरखपुर के अखलाख अहमद भी बीमारी की वजह से नहीं खेल सके थे मैच

-रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में ऑर्गनाइज हुआ था रणजी मैच

GORAKHPUR: वह कहते हैं न कि इतिहास दोहराता है। यह सिर्फ कहावत नहीं बल्कि हकीकत है। शहर के इतिहास में बड़े मैच का मिलना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इन्हीं मैचेज में गोरखपुर के खिलाडि़यों को प्लेइंग इलेवन में जगह न मिल पाना थोड़ा तकलीफदेह बात है। 1974 में टीम में होने के बाद भी खेल न पाने का मलाल दिल में लिए गोरखपुर को 2016 में भी तकलीफ ही हाथ लगी। इस बार सहजवां के अंचित्य यादव को 16 मेंबर्स की टीम में होने के बाद भी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल सकी। इससे न सिर्फ उनके परिवार के लोग बल्कि गोरखपुराइट्स भी काफी निराश नजर आए।

बीमारी ने खेलने नहीं दिया

गोरखपुर में रणजी मैच 1974 में हुआ था। रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में ऑर्गनाइज हुए इस मैच में यूपी की टीम में गोरखपुर के ऑलराउंडर अखलाख अहमद भी थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज और मीडियम पेस बॉलर अखलाख गोरखपुर की सरजमीं पर अपना जलवा बिखरने को तैयार थे। मगर एन वक्त पर उनकी तबीयत ने धोखा दे दिया और मैच से ठीक पहले वह बीमार पड़ गए। इसकी वजह से टीम में होने के बाद भी वह गोरखपुर की सरजमीं पर ऑर्गनाइज हुए इस बड़े मैच का हिस्सा नहीं बन सके।

1974 के बाद मिला था मौका

पिछले 34 सालों से गोरखपुर की सरजमीं पर कोई बड़ा मैच नहीं हुआ था। गोरखपुर को जब बीसीसीआई का मैच मिला, तो गोरखपुराइट्स की बाछें खिल गई। इसमें सहजनवां गोरखपुर के रहने वाले अंचित्य को जब टीम में शामिल किया गया, तो लोगों की खुशी दोगुनी हो गई। सोमवार को टीम का जब ऐलान हुआ तो 16 की टीम में अंचित्य का नाम शामिल था। मगर मंगलवार की सुबह जब प्लेइंग टीम डिक्लेयर हुई, तो इसमें अंचित्य का नाम न होने से लोगों को काफी निराशा हुई। लोगों का कहना था कि गोरखपुर की सरजमीं पर शहर के खिलाड़ी को जगह मिलनी चाहिए थी। 1974 के बाद यह पहला मौका था जब गोरखपुर में कोई बड़ा मैच हो रहा है और यूपी की टीम में गोरखपुर का भी खिलाड़ी शामिल है।