गोरखपुर (ब्यूरो)।लगातार अभियान चलाकर जिम्मेदारों को कमियां दूर करने के लिए ताकीद की गई। इसका संज्ञान लेते हुए ई-बस डिपो मैनेजर रविवार को खुद पैसेंजर बन अंदर ई-बसों की हकीकत देखी और पैसेंजर्स से सुविधाओं के बारे में भी बातचीत की।

महिला पैसेंजर्स से की बात

ई-बस डिपो प्रबंधक केके मिश्रा अपनी टीम के साथ ई-बस में सवार हुए। पहले उन्होंने महिला पैसेंजर्स से बातचीत की। उनसे पूछा कि आप को बस के अंदर सुविधाएं मिल रही है। पैसेंजर ने बताया कि सुविधाएं मिल रही है। उन्होंने सभी पैसेंजर के टिकटों की जांच की। इसके बाद वह पैनिक बटन, हैडिल बटन और एसी को भी चेक किया। हांलाकि इस दौरान बस के सभी सिस्टम काम कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने डॉइवर से भी बात की। इतना ही नहीं उन्होंने ड्राइवर सीट के सामने लेगे हाईटेक बटन के साथ एनाउंसमेंट सिस्टम को भी चेक किए।

कंडक्टर को दिए निर्देश

डिपो प्रबंधक महिला सीट पर पुरुषों के बैठाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कंडक्टर को निर्देश दिए कि बस में सीट के हिसाब से ही पैसेंजर्स को बैठाया जाए। साथ ही कोई महिला बस में सवार है तो उन्हें सीट उपलब्ध कराया जाए। अगर इसमें लापरवाही पाई गई तो कंडक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।

हाईलाइट्स -

-दवाजा खोल कर ई-बस का संचालन न करें।

-रजिर्व महिला सीट पर महिला पैसेंजर्स को बैठाएं।

-बस को आगे-पीछे ना रोक, निर्धारित स्टॉपेज पर ही रूके।

-कंडक्टर महिलाओं को सीट उपलब्ध कराएं।

-गर्मी में बसो के अंदर एसी चलाएं ताकि पैसेंजर को एसी की सुविधा मिले।

-ई-बस के अंदर जो भी कमियां है उसे तत्काल दूर कराएं।

-बस का संचालन करने से पहले सेफ्टी का विशेष ध्यान रखें।

-बस में लगे पैनिक बटन और हैंडिल बटन काम नहीं कर रहा है तो इसकी सूचना डिपो को तत्काल दें।

-ई-बस के सवार पैसेंजर्स के साथ अच्छा व्यवहार करें।

-ई-बस में सीट के हिसाब से ही पैसेंजर्स को बैठाएं।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने पैसेंजर्स की सुविधाओं का ध्यान दिया। खबर का असर यह रहा कि बस में अब पर्याप्त सीट मिल रही है।

पुष्पा, टिकरिया

बस में काफी भीड़ होने से असुविधा होती है, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन के चलते अब बस में कंडक्टर महिला पैसेंजर को सीट मुहैया करवा रहे हैं।

सीमा वर्मा, कौड़ीराम

ई-बस की एसी कई दिनों ने काम नहीं कर रही थी। गर्मी में सफर करना मुश्किल था। मगर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर का असर यह रहा कि सभी बसों की एसी और पैनिक बटन काम करने लगे हैं।

- शिवानी शर्मा, रुस्तमपुर