गोरखपुर (ब्यूरो)। एमबीए डिग्रीधारी पति ने वाराणसी के सारनाथ में स्थित एक गेस्ट हाउस में फांसी पर लटककर सुसाइड कर लिया। उसके मौत की खबर मिलते ही गोरखपुर में पिता के घर रह रही फैशन डिजाइनर पत्नी भी छत से कूद गई। उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। दोनों ने यह कदम क्यों उठाया? यह तो भविष्य में पता चलेगा, लेकिन इनके इस कदम ने कई सवाल जरूर खड़े कर दिए।
की थी लव मैरिज
बिहार के बाढ़ का निवासी हरीश बागेश ने जम्मू से एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे अच्छे पैकेज पर नौकरी भी मिल गई थी। इसके बाद उसने गोरखपुर के प्रसिद्ध साइकेट्रिस्ट डॉ। रामशरणदास की फैशन डिजाइनर बेटी संचिता से लव मैरिज की। इसके बाद दोनों मुंबई में सेटल हो गए। कुछ दिन साथ रहने के बाद संचिता पिता के पास वापस आ गई और फिर यहीं रहने लगी। इस बीच हरीश उसके पास आता-जाता रहता था।
क्यों छोड़ी नौकरी?
लगभग तीन माह पहले हरीश बागेश भी गोरखपुर आ गया और यहीं ससुराल में रहने लगा। आसपास के लोगों के पूछताछ करने पर डॉक्टर के परिवार के लोगों और खुद हरीश ने बताया कि पत्नी की तबीयत अक्सर खराब रहने की वजह से उसने नौकरी छोड़ दी है और अब आसपास ही कहीं नौकरी की तलाश कर रहा है। उसकी अवसाद का कारण नौकरी न मिलना बताया जा रहा है तो ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि आखिर उसने नौकरी छोड़ी ही क्यों, जबकि वह एक अच्छी खासी सैलरी ओन कर रहा था।
पर्ल एकेडमी दिल्ली से पढ़ी
डॉ। रामशरण श्रीवास्तव की दो बेटियां और एक बेटा है। दूसरी बेटी संचिता (28) ने नवंबर 2022 में बिहार के बाढ़ निवासी हरीश बागेश (31) से प्रेम विवाह किया था। संचिता ने दिल्ली पर्ल अकादमी से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी।
अचानक छत से कूदी
रविवार सुबह डॉ। रामशरण के पास वाराणसी से फोन आया कि हरीश ने सारनाथ के एक होटल में फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली है। डॉ। रामशरण वाराणसी जाने की तैयारी ही कर रहे थे कि तभी सुबह करीब 9:30 बजे संचिता ने घर की छत से छलांग लगा दी। डॉ। रामशरण उसे लेकर विजय चौक स्थित निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
पटना जाने को निकला
बताया जा रहा है कि हरीश पांच जुलाई को गोरखपुर से अपने घर पटना जाने के लिए कहकर निकला था। उसी रात आठ बजे वह सारनाथ के एक होटल में रुका। रविवार सुबह कमरे में उसका शव फंदे से लटकता मिला। उसने पांच जुलाई को तीन दिन के लिए स्टे होम का कमरा ऑनलाइन बुक किया था।
दो दिन कमरे में बंद
बनारस में वह रात आठ बजे गेस्ट हाउस पहुंचा, जहां उसे कमरा नंबर 202 मिला। दो दिन वह कमरे से कहीं बाहर नहीं गया। अंदर ही खाना मंगाकर खाया। शनिवार को होटल के कमरे में ही वह नायलान की रस्सी का फंदा बनाकर फांसी से लटक गया। संपर्क न हो पाने पर पहुंचे परिजनों के कहने पर पहुंचे रिश्तेदार ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन कमरा नहीं खुला। बाद में पुलिस ने होटल का कमरा खुलवाया तो अंदर हरीश का शव फंदे से लटका मिला। पुलिस को उसके कमरे में गांजा, सिगरेट, लाइटर, मोबाइल, पर्स के साथ फांसी के लिए इस्तेमाल की गई रस्सी मिली।
नशे का हुआ आदी
घर पर मौजूद रिश्तेदारों और पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पत्नी की तबीयत खराब होने के बाद नौकरी छूटने से हरीश बेरोजगार हो गया था। इस वजह से वह ससुराल में रहने लगा। नौकरी के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुआ। परिजन ने पुलिस को बताया कि अवसाद के चलते हरीश नशे का आदी हो गया था।
स्कूलिंग के दौरान प्यार
हरीश और संचिता 11वीं में साथ पढऩे के दौरान करीब आए थे। हरीश बागेश राय (भूमिहार) परिवार से था, जबकि संचिता श्रीवास्तव (कायस्थ) थी। एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद हरीश को एचडीएफसी बैंक में डेढ़ लाख प्रतिमाह की नौकरी मिल गई और दोनों शादी करके मुंबई में साथ रहने लगे।
मार्च माह में भी रुका था
स्टे होम के मालिक उमेश ने बताया कि हरीश मार्च में भी उनके यहां दो दिन रुका था। 1400 रुपये में उसने तीन दिन के लिए कमरा बुक किया था। कमरे में एक बेड, कुर्सी की सुविधा थी।
पति के आत्महत्या करने की सूचना के बाद डॉक्टर की बेटी रविवार की सुबह छत से नीचे कूद गई। परिजन गंभीर स्थिति में निजी अस्पताल ले गए, जहां मौत हो गई। कैंट थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी