गोरखपुर (ब्यूरो)।एमआरआई कराने के लिए 25 से 30 पेशेंट डेली निराश होकर लौट रहे हैं। इन पेशेंट्स को एक से डेढ़ माह बाद एमआरआई के लिए बुलाया जा रहा है। इसकी वजह से एमआरआई और सीटी स्केन के लिए लंबी वेटिंग है। इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड की जांच के लिए 20 दिन की वेटिंग लग रही है। इसकी वजह से जांच कराने वाले पेशेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह हैं कि जांच में वेटिंग की वजह से उन्हें बाहर के सेंटर्स पर जांच के लिए जाना पड़ रहा है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर-बस्ती मंडल ही नहीं नेपाल और बिहार से भी पेशेंट आते हैं। 1050 बेड वाले इस अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्केन और अल्ट्रासाउंड की सिर्फ एक-एक मशीन हैं। इस पर भी पांच घंटे सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक ही जांच होती है। एक एमआरआई में 45 मिनट लगने की वजह से अधिकतम छह-सात एमआरआई ही एक दिन में हो पाती है। 15-16 पेशेंट्स को डेली अगली तारीख दे दी जाती है। प्लेन सीटी स्केन के लिए पेशेंट्स को एक सप्ताह, नॉन प्लेन सीटी स्केन के लिए एक माह का इंतजार करना पड़ रहा है।
अल्ट्रासाउंड के लिए 20 दिन की वेटिंग
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में दिखाने वाले पेशेंट्स को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 20 दिन कीे वेटिंग है। जो पेशेंट्स बुधवार को दिखाने आने थे, उन्हें 20 दिन बाद बुलाया गया है। आईपीडी के गंभीर पेशेंट्स को अल्ट्रासाउंड तत्काल किया जा रहा है। हालांकि, आईपीडी के तमाम पेशेंट्स को भी अल्ट्रासाउंड के लिए एक-एक सप्ताह का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
सीटी स्केन के लिए दे रहे डेट
सीटी स्केन के लिए भी पेशेंट्स को डेट मिल रही है। यहां डेली 20 से 30 पेशेंट लौटाए जा रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे ं15 से 20 पेशेंट्स का ही सीटी स्केन हो पा रहा है। अधिक वेटिंग होने की वजह से जांच के लिए पेशेंट्स को इधर-उधर भटकना पड़ता है।
जांच मेडिकल कॉलेज प्राइवेट सेंटर
एमआरआई 2500 4500
सीटी स्केन 600 1700
अल्ट्रासाउंड 200 650
मेरे नाती की हालत खराब थी। ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श लिया। उन्होंने 29 नवंबर 2022 को एमआरआई कराने के लिए पर्चे पर लिखा था। एमआरआई जांच की डेट 1 मार्च 2023 को दी गई। वेटिंग की वजह से प्रॉब्लम हुई।
बांकेलाल यादव, अटेंडेंट
अल्ट्रासाउंड जांच के लिए पहुंचा। यहां 15 से एक महीने की वेटिंग चल रही है। सिर्फ इमरजेंसी पेशेंट की तत्काल जांच की जा रही है। वेटिंग अधिक होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रामू सिंह, कुशीनगर
स्टाफ की कमी के चलते एमआरआई व सीटी स्केन मशीन पांच घंटे ही चल पा रही है। जल्द ही डॉक्टर व टेक्नीशियन बढऩे वाले हैं। इसके बाद यहां भी 24 घंटे एमआरआई व सीटी स्केन होने लगेगा।
डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी