गोरखपुर (ब्यूरो)। व्यवस्था यह बनाई गई है कि सड़क के किनारे खोदाई के पहले ठीकेदार बिजली निगम के अभियंता को सूचना देंगे। इसके लिए कई बार समन्वय समिति की बैठक भी हुई है। अभियंता बताएंगे कि भूमिगत केबल किस जगह से होते हुए बिछा है। उनकी मौजूदगी में ही खोदाई होगी, लेकिन सोमवार को ठीकेदार ने बिना सूचना दिए काम शुरू करा दिया। थोड़ी ही देर में धमाका हुआ तो अफरातफरी मच गई। पता चला कि दोनों उपकेंद्रों को जाने वाली केबल कट गई है। बीच दोपहर केबल कटने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। दो घंटे तक 15 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को बिना बिजली के रहना पड़ा। व्यापार पर असर अलग से पड़ा।
निर्माण कार्यों के बीच भूमिगत केबल कटने की यह पहली घटना नहीं है। इससे कुछ दिन पहले ही तारामंडल क्षेत्र में कई बार केबल कटा। केबल कटने और जुडऩे के बीच कोई परेशान होता है तो वह उपभोक्ता। अचानक बिजली ठप होने से उमसभरी गर्मी में लोगों का बुरा हाल हो जाता है। ठीकेदारों की मनमानी के खिलाफ बिजली निगम संबंधित विभाग को पत्र तो लिखता है लेकिन एफआइआर नहीं दर्ज कराता है।
बार-बार कटने से केबल हो गई कमजोर
सूरजकुंड क्षेत्र में अमृत योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। जल निगम का ठीकेदार बिना बिजली निगम के अभियंताओं को सूचना दिए खोदाई करा देता है। इस कारण कई बार भूमिगत केबल कट चुका है। नगरीय विद्युत वितरण खंड-द्वितीय बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी बताते हैं कि पिछले वर्ष छह फरवरी, 19 अप्रैल, 26 मई, 17 जून को कई जगह भूमिगत केबल काट दी गई। 18 जुलाई को राजेंद्र नगर उपकेंद्र से जुड़े द्वारिकापुरी फीडर की भूमिगत केबल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इससे 10 से 12 हजार घरों को घंटों बिजली की दिक्कत झेलनी पड़ी। इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रशासन को पत्र भी लिखा गया था। बार-बार कटने के कारण केबल कमजोर हो चुकी है।
तारामंडल में हाल में हुईं घटनाएं
तारीख स्थान
10-01-24 - नहर रोड
05-03-24 - जीडीए वेस्ट
09-03-24 - नहर रोड
19-03-24 - जीडीए वेस्ट
29-03-24 - दाउदपुर
केबल में जितना जोड़, कमजोर होगा
अभियंताओं का कहना है कि केबल में जितनी जगह जोड़ लगेगा, केबल कमजोर होता जाएगा। यदि लोड बढ़ेगा तो केबल में धमाका भी हो सकता है। ठीकेदार कटे केबल को बदलवाते नहीं वरन, जोड़ देते हैं।
हाल के दिनों में निर्माण कार्यों के दौरान भूमिगत केबल कटने के मामले बहुत बढ़े हैं। व्यवस्था है कि बिजली निगम के अभियंता की मौजूदगी में ही भूमिगत केबल वाले स्थानों की खोदाई हो, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। केबल कटने से घंटों बिजली आपूर्ति बाधित रहती है और केबल भी कमजोर हो जाता है। संबंधित विभागों के अधिकारियों को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी जाती है। एफआइआर दर्ज कराने के संबंध में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
-लोकेंद्र बहादुर सह, अधीक्षण अभियंता शहर