नंदानगर अंडरपास

नंदानगर का अंडरपास, जो कभी दिन के किसी भी समय सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए बनाया गया था, अब अंधकार में डूब चुका है। अंडरपास में लगी लाइटें गायब हो गई हैं, जिसके कारण वहां हमेशा अंधेरा रहता है। इस स्थिति में वाहन चालकों को अपने वाहनों की लाइटें जलाकर गुजरना पड़ता है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से जिन गाडिय़ों में लाइटें नहीं होती, उन्हें यहां से गुजरते समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। साइकिल चालकों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक है। अंधेरे में साइकिल चलाना न केवल उनके लिए जोखिम भरा है, बल्कि यह दुर्घटनाओं को भी आमंत्रण देता है।

बिछिया अंडरपास


बिछिया का अंडरपास भी यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। बरसात के दिनों में यहां से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं होता। अंडरपास की छत से पानी टपकता है, जिससे यात्रियों को न केवल गीला होने की परेशानी होती है, बल्कि फिसलने का भी खतरा बना रहता है। इस अंडरपास से गुजरने वाले राहगीरों को अक्सर सिर छुपाने के लिए छतरी या किसी और साधन का उपयोग करना पड़ता है।

धर्मशाला अंडरपास


धर्मशाला का अंडरपास जो कि एक महत्वपूर्ण यातायात मार्ग है, बरसात के मौसम में जलभराव का शिकार हो जाता है। भारी बारिश के बाद यहां इतना पानी जमा हो जाता है कि वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए इससे गुजरना बेहद मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, यातायात बाधित होता है और लोगों को लंबे समय तक जाम का सामना करना पड़ता है। जलभराव के कारण कई बार गाडिय़ां बीच में ही फंस जाती हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक जाम होता है, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।

ये हैं दिक्कतें


गोरखपुर के तीनों अंडरपास जो शहर की यातायात व्यवस्था के अहम हिस्सा हैं, अब समस्याओं का केंद्र बन चुके हैं। नंदानगर अंडरपास में लाइट का अभाव, बिछिया अंडरपास में पानी का टपकना और धर्मशाला अंडरपास में जलभराव जैसी समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।

जब भी बारिश होती है अंडरपास में पानी भर जाता है, पानी भरने के कारण आवागमन में दिक्कत होती है। यह आज की समस्या नहीं है, इसका जल्द सामाधान होना चाहिए।
प्रिंस जायसवाल, धर्मशाला

नंदानगर अंडरपास में एक भी लाइट नहीं है। अंधेरा छाया रहता है। गाड़ी में लाइट न हो तो बड़ी घटना हो सकती है, समय रहते इसे ठीक करने की जरूरत है।
अमरजीत, नंदानगर