लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम

यूनिवर्सिटी के आइक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ) के निदेशक प्रो। वीएल गोले ने बताया कि दूरस्थ शिक्षा केंद्र शुरू करने की सभी जरूरतें यूजीसी के मानक के अनुसार पूरी कर ली गई हैं। भारत सरकार के इन्फ्लिवनेट (इन्फार्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क) के जरिये अपना लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित कर लिया गया है और उसपर केंद्र शुरू करने का मानक पूरा करने के लिए एमबीए का दो दो सेमेस्टर का और बीबीए का चार सेमेस्टर का कंटेंट अपलोड कर दिया गया है।

स्वीकृति का इंतजार
केंद्र के लिए यूजीसी की यह आवश्यक शर्त थी। इसके अलावा यूजीसी की मांग के मुताबिक 15 मिनट का डेमो वीडियो कंटेंट बनाया गया है। सभी जरूरी दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए हैं। अब तो सिर्फ यूजीसी टीम के निरीक्षण और स्वीकृति का इंतजार है। प्रो। गोले ने बताया कि केंद्र के लिए यूजीसी में आवेदन प्राथमिक तैयारी के बाद तीन माह पहले ही कर दिया गया था।

बीबीए व एमबीए पाठ्यक्रम
यूनिवर्सिटी का मानना है कि बीबीए और एमबीए पाठ्यक्रमों की लोकप्रियता देश भर में है। प्रबंधन का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ता है। ऐसे में यूनिवर्सिटी के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की स्थापना के साथ ही बड़ी संख्या में इन पाठ्यक्रमों के लिए अभ्यर्थी पूरे उत्साह से जुड़ेंगे। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ऐसे अन्य पाठ्यक्रमोंं को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया है, जिसे केंद्र के जरिये आसानी से संचालित किया जा सकता है और परिसर से देश भर के युवाओं को जोड़ा जा सकता है।

दो सदस्यीय टीर्म
परिसर में दूरस्थ शिक्षा केंद्र की स्थापना और संचालन के लिए यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। जेपी सैनी ने दो सदस्यीय टीम बनाई है। प्रो। वि_ल एल गोले को उसका समन्वयक बनाया है। प्रो। शेखर यादव सह-समन्वयक के तौर पर उनका सहयोग कर रहे हैं। टीम यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई योजना के क्रियान्वयन में जुटी हुई है।

दूरस्थ शिक्षा केंद्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यूजीसी ने निरीक्षण की तिथि निर्धारित कर दी है। निरीक्षण आनलाइन होगा। केंद्र के लिए बनाई गई टीम आनलाइन निरीक्षण कराने की तैयारी में जुट गई है। हमने यूजीसी के सभी मानकोंं को पूरा कर लिया है, ऐसे निरीक्षण के बाद केंद्र के संचालन की अनुमति मिलने की पूरी उम्मीद हैं। हम अक्टूबर से केंद्र से बीबीए व एमबीए पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना को भी अंतिम रूप दे रहे हैं।
प्रो। जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी