इसके साथ ही सीएम रेल ओवरब्रिज, स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का भी लोकापर्ण करेंगे, वहीं, सात सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल का उद्घाटन करेंगे, जिसे बरगदवां के फर्टीलाइजर कैंपस में 49 एकड़ में बनाया गया है। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं।


सीएम योगी करेंगे एशिया के पहले राजगिद्ध संरक्षण केंद्र का उद्घाटन

- गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में बना है जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र
- 634.66 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का होगा लोकार्पण-शिलान्यास

गोरखपुर। एशिया में राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज में बने 'जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्रÓ का उद्घाटन छह सितंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को किया था। जटायु संरक्षण केंद्र का उद्घाटन करने के बाद 6 सितंबर को ही मुख्यमंत्री स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित मानीराम क्षेत्र के सोनबरसा गांव में 634.66 करोड़ रुपये की पांच विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे।

राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी


राजगिद्ध जटायु की गाथा तो रामायण काल से ही सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया। योगी सरकार ने इस संकट को दूर करने का संकल्प लिया है। राजगिद्ध के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र के जरिये राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी ही, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढऩे से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

2 करोड़ 80 लाख से हुआ है निर्माण


जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है। इसमें ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम, पाथवे का निर्माण किया गया है। इस केंद्र में कुल 8 स्टाफ कार्यरत हैं। जटायु संरक्षण केंद्र में कुल 6 राजगिद्धों (नर एवं मादा) को लाया जा चुका है। यहां राजगिद्धों गिद्धों की निगरानी की सीसी कैमरों से की जाएगी। गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव के मुताबिक पांच हेक्टेयर जमीन पर बनाए गए इस केंद्र के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच में समझौता हुआ है। गोरखपुर वन प्रभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार इस जटायु संरक्षण केंद्र से आगामी आठ-दस साल में 40 जोड़े राजगिद्ध छोड़े जाने का लक्ष्य है।

रेल ओवरब्रिज, स्मार्ट स्कूल का भी लोकार्पण


जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनबरसा गांव में आयोजित समारोह में 88 करोड़ 46 लाख 98 हजार रुपये की दो विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 546 करोड़ 19 लाख 11 हजार रुपये की तीन विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। लोकार्पण और शिलान्यास की इन परियोजनाओं की कुल लागत 634 करोड़ 66 लाख 9 हजार रुपये है। लोकार्पण की प्रमुख परियोजना बालापार-टिकरिया मार्ग स्थित रेल समपार संख्या-6 के स्पेशल टू लेन रेल ओवरब्रिज शामिल है। इसके निर्माण पर 84 करोड़ 87 लाख 58 हजार रुपये की लागत आई है। मुख्यमंत्री सोनबरसा गांव में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के सीएसआर फंड से जीडीए द्वारा बनवाए गए स्मार्ट स्कूल और स्मार्ट पंचायत भवन का भी लोकार्पण करेंगे। इस पर 3 करोड़ 59 लाख 40 हजार रुपये की लागत आई है।

फोरलेन के निर्माण कार्य का शिलान्यास


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के हाथों बालापार-टिकरिया-गांगी बाजार मार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण (लागत 519.62 करोड़), रिपोर्टिंग पुलिस चौकी सिकटौर को उच्चीकृत कर थाना सिकटौर सोनबरसा हेतु प्रशासनिक व आवासीय भवनों (लागत 26.56 करोड़) के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी करेंगे।

उपराष्ट्रपति करेंगे पूर्वी यूपी के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण

- सात सितंबर को राज्यपाल की मौजूदगी में आयोजित होगा कार्यक्रम
- खाद कारखाना कैंपस में 49 एकड़ में 176 करोड़ की लागत से बना है स्कूल

गोरखपुर। फर्टीलाइजर कैंपस में बने पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल का उद्घाटन सात सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। शनिवार को प्रस्तावित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 49 एकड़ जमीन पर बना है। 176 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। 'युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षाÓ के ध्येय से इस शैक्षिक प्रकल्प में क्लास 6 से 12 तक छात्र-छात्राओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा दी जाने की व्यवस्था है।

दो क्लासेज में 168 स्टूडेंट्स ने लिया प्रवेश


प्रवेश परीक्षा के जरिये क्लास 6 और 9 में दाखिला लेने के बाद इस सैनिक स्कूल में पहली जुलाई से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। पहले चरण में इस स्कूल में क्लास 6 और 9 में 84-84 स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया है। इनमें कुल मिलाकर 40 छात्राएं और 128 छात्र हैं। यहां छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराते है। सैनिक स्कूल के स्टूडेंट्स के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित किए गए हैं।

सैन्य सेवाओं में क्षेत्रीय संतुलन बढ़ाएगा

गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मुख्यमंत्री इसके शिलान्यास के बाद भी कई बार इसके निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण करने आते रहे हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल का उपहार देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेधावियों को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। पूर्वी यूपी के इस सैनिक स्कूल से सैन्य सेवाओं में अवसर के लिए क्षेत्रीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप है टाइम-टेबल


सैनिक स्कूल का उद्देश्य स्टूडेंट्स का सर्वांगीण विकास कर उन्हें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी वर्ग में चयन के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए तैयार करना होता है। सामान्य स्कूलों से अलग संकल्पना वाले इस स्कूल में प्रवेश के लिए चयन प्रक्रिया में बच्चों की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और चिकित्सकीय क्षमता का भी विशिष्ट रूप से आकलन किया जाता है। इसका पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित है। सैनिक स्कूल का टाइम-टेबल सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप होता है।

यूपी सैनिक स्कूल के तहत दूसरा स्कूल


गोरखपुर का सैनिक स्कूल यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत स्थापित होने वाला दूसरा स्कूल है। यहां 20 क्लासरूम, 4 लैब्स, हॉस्टल, डायनिंग हाल, मल्टीपर्पज हाल, कांफ्र ंस हाल, 1014 सीटेड ऑडिटोरियम, योग सेंटर, इंडोर शूटिंग रेंज, इंडोर स्विमिंग पूल और सीएसडी कैंटीन की सुविधा है। इस सैनिक स्कूल में कुल प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को चार हॉस्टल में रखा गया है। इन हॉस्टल्स का नामकरण शहीद भगत सिंह, शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद बंधु सिंह और रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किया गया है। यहां स्टूडेंट्स के लिए भोजन की व्यवस्था अन्नपूर्णा भवन में की गई है। कैंपस में स्पोटर््स एक्टीविटीज के लिए बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं।

गोरखपुर को निखार देगा सैनिक स्कूल


जहां पहले सिटी पहचान अपराधिक शहर होने की थी तो वहीं बीते सालों में हुए विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में काम के बाद अब पहचान बदल चुकी है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी निखार बढ़ाने का काम करेगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है।

पूर्वी यूपी के लिए गौरव स्तम्भ


सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर के किशोरों और युवाओं में राष्ट्रप्रेम, समर्पण, नेतृत्व कौशल जगाने का उत्कृष्ट मंच बने। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक विकास करते हुए पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे। किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।