गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसा इसलिए क्योंकि शहर भर में लोगों के घरों में पानी सप्लाई करने वाली नगर निगम की टंकियां यानि ओवरहेड टैंक कई वर्षो से साफ ही नहीं हुए हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में मोहद्दीपुर, जलकल ऑफिस की टंकी में खामियां देखने को मिली। जबकि हर दो महीने में टंकियों की सफाई का प्रावधान है।

लापरवाही कर रहे सफाईककर्मी

शहर की करीब 10 लाख जनसंख्या की पेयजल की सप्लाई का जिम्मा नगर निगम और जलकल विभाग को है। इसके लिए नगर निगम ने शहर में करीब 31 से अधिक ओवरहेड टैंक बनाए हुए हैं। इन ओवरहेड टैंक के रख-रखाव और संचालन की जिम्मेदारी जलकल विभाग के पास है। जबकि जल निगम के जलकल विभाग ने निजी ठेकेदारों को ओवरहेड टैंक की साफ-सफाई और जलापूर्ति का जिम्मा दिया हुआ है। मगर ओवरहेड टैंक की सफाई के नाम पर लापरवाही बरत लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।

ट्यूबवेल पर स्काडा सिस्टम

ट्यूबवेल के संचालन के लिए सभी ट्यूबवेल पर स्काडा सिस्टम भी लगा हुआ है। ऐसे में जल निगम बस नियमित रूप से ओवरहेड टैंक के पानी में क्लोरीन डालने का काम तो कर रहा है, लेकिन पानी की टंकी की सफाई से दूरी बनाए हुए हैं।

टंकियों पर दर्ज है तारीख

बता दें, पिछले छह साल से गोलघर स्थिति जलकल और मोहद्दीपुर समेत कई ओवरहेड टैंक की साफ-सफाई नहीं हो सकी है। आलम यह है कि जिम्मेदार इस ओर ध्यान बिल्कुल नहीं दे रहे हैं। ऐसे में कई पानी की टंकियां सफाई से वंचित रहीं। यह हम नहीं टंकियों पर दर्ज डेट जिम्मेदारों की पोल खोलने के लिए काफी हैं।

सैंपल की जांच नहीं

वहीं, इन टंकियों को भरने के लिए ट््यूबवेल से भूगर्भ जल के सैंपल की जांच भी पिछले कई सालों से नहीं हुई है। ऐसे में किस क्वालिटी का पानी घरों में सप्लाई हो रहा है। इसका खुद निगम को पता नहीं है। बगैर नियमित जांच के ही पानी ओवरहेड टैंक और फिर घरों में सप्लाई हो रहा है। जबकि पानी की जांच की जिम्मेदारी भी यांत्रिक विभाग के पास है।

बीमारी का है खतरा

पानी की टंकियों की सफाई न होने से इस पानी से जलजनित बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। खराब पानी पीने से पेट में कीड़े, दर्द, डायरिया, पेचिस आदि बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में यह लापरवाही बीमारी का कारण बन सकती है।

सभी टंकियों की सफाई रोस्टर बनाकर कराई जाएगी। इसके साथ ही इसका सुंदरीकरण भी कराया जाएगा।

- गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

फैक्ट एंड फीगर

10 लाख सिटी की वर्तमान पॉपुलेशन

147.5 वर्ग किमी। कुल सिटी एरिया

135 एमएलडी मानक के अनुसार कुल पेयजल की डिमांड

121 नलकूप पेयजल के लिए लगाए गए

87 मिनी नलकूप

31 ओवरहेड टैंक

01 भूमिगत जलाशय

29,790 किली। स्टोरेज कैपेसिटी

93 एलपीसीडी प्रति व्यक्ति सप्लाई

1,32,013 भवन हैं सिटी में

80,060 जलकर से आच्छादित भवन

79,416 जल संयोजन

76729 घरेलू

2687 अघरेलू