तो किराया क्यों दें
पीपीगंज की सलोनी ने बताया कि वो रोजाना यूनिवर्सिटी से कॉलेज आती है, क्योंकि घर इतनी दूर नहीं है कि वह रूम लेकर यहां महंगा रेंट दे। इसलिए वह ट्रेन से ही अपने घर तक सफर तय करती है।
ट्रेन से सहूलियत
देवरिया के वैभव ने बताया कि वह क्लास करने के लिए डेली घर से यूनिवर्सिटी आता है। इसके लिए ट्रेन का सफर उसके लिए सुविधाजनक के साथ किफायती भी साबित हो रहा है। सुबह में निकलकर वह ट्रेन पकड़ता है और शाम तक आराम से घर भी पहुंच जाता है।
दोगुना से अधिक किराया
स्टूडेंट राज ने बताया कि वह पहले बस से ही ट्रैवल करता था, लेकिन कुछ दिन बाद ही पैसेंजर ट्रेन के दाम आधे हो गए। जिसकी वजह से ट्रेन अब सबसे बढिय़ा ऑप्शन साबित हो रहा है। जहां बसों में वह 75 रुपये देते थे और अब ट्रेन से 30 रुपए में ही अपने घर पहुंच जाते हैं।
रूम रेंट के बच रहे पैसे
स्टूडेंट आनंद ने बताया कि वह ट्रेन से ही सफर करते हैं, क्योंकि एक तो ट्रेन से पैसे बच रहे हैं, वहीं बस में ट्रैवेल करने से कई बार पॉकेट मनी भी खत्म हो जाती थी। ट्रेन के किराए से फालतू खर्च पर ब्रेक लगने के साथ ही रूम लेकर रहने का खर्च भी बच रहा है।
ट्रेन व बस का किराया
गोरखपुर जंक्शन से देवरिया 30 रुपये
गोरखपुर जंक्शन से नौतनवा 30 रुपये
गोरखपुर जंक्शन से पीपीगंज 10 रुपये
नकहा जंगल से नौतनवा 30 रुपये
रोडवेज से पीपीगंज 45 रुपये
रोडवेज से हाटा 54 रुपये
रोडवेज से देवरिया 75 रुपये
रोडवेज से मोहनापुर 103 रुपये