गोरखपुर (ब्यूरो)। पर्यटन विभाग ने चिलुआताल पर 560 मीटर पक्का घाट, ट्रैक, गजेबिया, बेंच और टॉयलेट के लिए लगभग 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। शासन ने प्रस्ताव को एप्रूव्ड करते हुए बजट की पहली किस्त के रूप में पांच करोड़ रुपए जारी भी कर दिए, लेकिन निर्माण कार्य की प्रगति धीमी होने का कारण अभी तक यह दूसरे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में डेवलप नहीं हो सका है। जबकि 2024 में इसका कार्य पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
20 करोड़ से होना है काम
पर्यटन विभाग के जिम्मेदारों का दावा है कि 2024 तक गोरखपुर शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल की सूरत बदल जाएगी। रामगढ़ताल की तरह चिलुआताल को भी खूबसूरत बनाने का काम जारी है। करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से यहां 560 मीटर लंबे घाट, गजेबिया, टायलेट, बेंच आदि के निर्माण का काम शुरू है। ऐसे में अब तक यहां जो लोग आने से कतराते हैं, आने वाले समय में यहां की खूबसूरती देखने पहुंचेगे और सुबह और शाम सैर करने के साथ चाय की चुस्कियां ले सकेंगे।
मिट्टïी पाटने का पूरा हुआ काम
बता दें, वर्तमान में घाट तक पहुंचने के लिए संपर्क मार्ग पर मिट्टी पाटने का काम पूरा हो पाया है। ताल से सटे घाट का निर्माण भी शुरू हो गया है। लेकिन मौके पर डीजे आईनेक्स्ट टीम ने जब रियलिटी चेक किया तो कई जगहों पर अभी मिट्टी पाटने का काम अधूरा मिला और निर्माण कार्य धीमी गति से पाई गई। मौके पर मौजूद मजदूर और ठेकेदारों ने बताया कि बजट जितना आया था। उतना काम लगभग हो चुका है।
शासन से बजट की पहली किस्त मिलने के बाद चिलुआताल के सुंदरीकरण का काम शुरू करा दिया गया है। 2024 में इसके निर्माण को पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटक स्थल के रूप में चिलुआताल के विकसित होने के बाद यहां भी पर्यटक आने शुरू हो जाएंगे। इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
रविंद्र कुमार मिश्रा, रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट