Gorakhpur News: स्वतंत्रता दिवस को लेकर तिरंगे के होलसेल मार्केट नखास चौक व पांडेयहाता सज चुका है। लेकिन, यहां दुकानों पर तिरंगे के बेतरतीब तरीके से जमीन में फैलाकर बेचे जा रहा है। दुकानदारों ने तिरंगे को सिर्फ सामान मानकर दुकानों में फैला रखा है, बिना मानक के तिरंगे इन दुकानों पर बेचे जा रहे हैं। ट्राफिक सिग्नल पर भी प्लास्टिक का तिरंगा बेचते हुए महिलाएं दिख जा रही हैं। जो नियमों के विपरित है।
जमकर हो रही खरीदारी
स्वतंत्रता दिवस गुरुवार को मनाया जाएगा, इसको लेकर नखास चौक और पांडेयहाता में झंडे का बाजार सज चुका है। नखास चौक की झंडे की होलसेल दुकान पर खरीदारी करने पहुंचे फुटकर दुकानदार सुनील ने बताया कि तिरंगे झंडा सहित अन्य सामान खरीदा है। झंडे में पूरे सम्मान के साथ ले जाकर इसकी सेल की जाती है।
आसपास के दुकानदार
दुकानदार सुरेश ने बताया कि बाजार में महरागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर सहित आसपास के जिलों के लोग झंडे खरीदने आ रहे हैं। बताया कि झंडों के होलसेल का बाजार सिर्फ एक दिन का और बचा है। इसके बाद फुटकर बिक्री होगी।
नहीं बिक रहे खादी के झंडे
खादी से बना तिरंगा देश को आजाद कराने का माध्यम बनी थी, लेकिन अब खादी से बनें झंडों के कम ही खरीदार है। गांधी आश्रम गोलघर के मैनेजन अभिमन्यु सिंह ने बताया कि ज्यादातर जगहों पर कॉटन, टेरिकाट आदि कपड़ों से बने झंडे फहराए जा रहे हैं। जबकि नियमत खादी के झंडे फहराए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि खादी से बने झंडे की कीमत 200 रुपये से शुरू होकर 3000 हजार रुपये के बीच है।
सामान मूल्य (रुपये)
झंडे 02 - 200
लरी 30 -50
बैंड 10-15
बैज 10-20
स्टीकर 5-20
तिरंगा गुब्बारा 10-30
बाइक स्टैंड 10
हेयर बैंड 10
हैंड बैंड 5-10
ये हैं नियम
- झंडा फहराते समय सदैव केसरिया रंग की पट्टी झंडे के ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
- झंडे को यदि सरकारी परिसर में फहराया जाता है तो सूर्योदय के उपरांत ध्वजारोहण किया जाना चाहिए तथा सूर्यास्त के साथ ही सम्मान पूर्वक झंडे को उतारना चाहिए।
- 13 से 15 अगस्त तक निजी आवासों एवं प्रतिष्ठानों पर लगाए जाने वाले झंडों को तय समयावधि के बाद आदर भाव के साथ उतार कर सुरक्षित रखा जाएगा।
- झंडा उतारने के बाद किसी भी नागरिक के द्वारा इसे फेंका नहीं जाएगा। उसे सम्मान के साथ फोल्ड करके रखा जाना चाहिए।
- विशेष परिस्थितियों में झंडा रात्रि में फहराया जा सकता है।
- हर घर पर झंडा विधिवत तरीके से लगाया जाना चाहिए। आधा झुका, फटा या कटा झंडा लगाया जाना निषेध होगा।
ऐसा होना चाहिए तिरंगा
- झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए।
- इसकी लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
- झंडा बनाने की सामग्री खादी अथवा हाथ से कता हुआ कपड़ा/मशीन से बना हुआ कपड़ा/सूती/पॉलीस्टर/ऊनी/सिल्क आदि हो सकती है।
- झंडे तीन रंगों में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद तथा नीचे हरे रंग का प्रयोग कर बनाए जायेंग।
- सफेद पट्टी में 24 तीलियों वाले अशोक चक्र को बाद में प्रिंट किया जाना चाहिए।