गोरखपुर। पब्लिक की सुरक्षा करना और शांति व्यवस्था कायम रहे। इसके लिए चाक चौबंद करना, इसके अलावा भी पुलिस पब्लिक की व्यक्तिगत प्रॉब्लम्स में आधी रात उनकी मदद करना अपना विश्वास और मजबूत कर रही है। पुलिस ड्यूटी नहीं बल्कि दरियादिली दिखाकर पब्लिक का दिल जीत रही है।

पुलिस की छवि आम लोगों में बेहतर है। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस की कमान संभाल रहे कांस्टेबल शिवाम्बुज पटेल अपनी ड्यूटी के साथ-साथ ब्लड की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए अपने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से रक्त उपलब्ध करा कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। उनके इस सेवा भाव की चर्चा पूरे जिले में हो रही है। कांस्टेबल ने रक्तवीर युवा क्लब गोरखपुर के नाम से तीन साल पहले व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें अब तक 400 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैँ। अभी तक 1900 से ज्यादा लोगों को ब्लड प्लेट्लेट्स दिलवाया गया है.जो नियमित रक्तदान करते रहते हैं। इसमें टीचर पूजा सिंह 9 बार, विंध्वासिनी पटेल 6 बार, हेड कास्टेबल मुकेश सिंह 18 बार, गगन अरोरा 32 बार, हरिशंकर सिंह 8 बार, रवि शर्मा 14 बार, डीके जायसवाल 19 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। यह खुद ब्लड डोनेट करने के साथ-साथ लोगों को भी ब्लड डोनेट करने के लिए जागरुक कर रहे है।

ग्रुप के सदस्य पूरे सेवाभाव के साथ लोगों की मदद करते हैं। शिवाम्बुज ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह ग्रुप बनाया गया था। फेसबुक, एक्स सहित अन्य सोशल मीडिया पर अक्सर लोग अचानक ब्लड की जरूरत पडऩे पर मैसेज डालते हैं। वहां से उनसे संपर्क करके वेरीफाई करके जरूरतमंद लगने पर फ्री रक्त उपलब्ध कराया जाता है।

ग्रुप के सदस्य मुकेश सिंह ने बताया कि गोरखपुर इलाज कराने के लिए बिहार के बहुत मरीज आते हैं और जब अचानक उन्हें ब्लड की जरूरत होती है तो परेशान हो जाते हैं, क्योंकि यहां उनके पास डोनर उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे लोग सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाते हैं। जैसे ही यह रक्तवीर युवा क्लब को सूचना मिलता है। शिवाम्बुज के द्वारा वेरीफाई करने के पश्चात ग्रुप के माध्यम से मदद किया जाता है।

अभ्यर्थियों को कराया भोजन


यूपी पुलिस परीक्षा में अभ्यर्थियों को रक्तवीर युवा क्लब के सदस्य ने गोरखपुर शहर के पादरी बाजार एक मैरेज हाल में रहने, खाने की फ्री व्यवस्था कराई। टीम ने बताया कि मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष आशीष पांडेय व समाजसेवी अरविंद गुप्ता के सहयोग और कांस्टेबल शिवाम्बुज पटेल आदि के अथक प्रयास से यह संभव हुआ। कांस्टेबल शिवाम्बुज पटेल ने बताया कि जब मैँ यूपी पुलिस का पेपर देने गया था तो बड़ी परेशानी हुई थी। जैसे कि राम भर किसी अस्थाई जगह पर रात गुजारनी पड़ी थी तभी से मैंने सोचा कि अगर मेरा सेलेक्शन हो जाता है तो और आगे कभी पेपर आता है तो प्रयास रहेगा कि जो भी संभव हो पाए उन अभ्यर्थियों मदद करने का प्रयास करेंगे।