गोरखपुर : 90 के दशक में शान की सवारी थी स्कूटर


आजादी के बाद से 90 के दशक तक स्कूटर लोगों की शान की सवारी मानी जाती थी, जिसके घर के बाहर स्कूटर खड़ी रहती थी ऐसा माना जाता था कि वह संपन्न परिवार है, लेकिन, इसमें कई कमियां थीं जिससे 90 के बाद से स्कूटर का क्रेज कम होता गया और स्कूटर की जगह बाइक ने लेनी शुरू कर दी। लेकिन, अब बाइक के साथ स्कूटर का दौर फिर से लौट आया है। विभिन्न कंपनियों ने स्कूटर को बाइक से भी ज्यादा हाईटेक बना दिया है, जिससे लोग इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं और बड़ी संख्या में स्कूटर खरीद रहे हैं।

इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की ज्यादा मांग


स्कूटर के बाजार में जो बदलाव आया है उसमें ई-स्कूटर का बड़ा योगदान है। बाजार में कई कंपनियों ने लोगों की मांग को देखते हुए ई-स्कूटर उतार दिया है। महिलाएं ही नहीं पुरुष में इन्हें खासा पसंद कर रहे हैं। इससे ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में इनके रजिस्ट्रेशन की संख्या भी बढ़ गई है।


जिले में मौजूद टू-व्हीलर
फैक्ट फीगर
स्कूटर- 174205
मोपेड-42763
बाइक-916252
टोटल- 1133220

मार्केट में स्कूटर की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इस साल स्कूटर के रजिस्ट्रेशन की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। ई-स्कूटर की भी संख्या तेजी से बढ़ी है।
अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन