अपर नगर आयुक्त उस समय निगम कार्यालय में नगर आयुक्त के ही चैंबर में मौजूद थे। उन्होंने ध्यान से देखा तो जिस वाट्स्प नंबर से यह संदेश आया था, वह नंबर नया था, लेकिन प्रोफाइल पर नगर आयुक्त की फोटो और उनका पदनाम समेत नाम लिखा था। जब उन्होंने नगर आयुक्त से पूछा कि सर नया नंबर लिए हैं तो नगर आयुक्त ने नहीं में जवाब दिया। इस पर अपर नगर आयुक्त ने अपने मोबाइल फोन पर आया मैसेज उन्हें दिखाया तो उनका भी माथा ठनक गया। उन्हें समझते देर नहीं लगी। तत्काल उन्होंने नगर निगम के ग्रुप पर एक संदेश चलाकर फर्जी नंबर वाले वाट्स्प एकाउंट का स्क्रीनशाट साझा करते हुए निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों समेत अपने सभी जानने वालों को सूचना दी। साथ ही पुलिस को भी जानकारी दी। तब तक निगम के कई अधिकारियों के पास फर्जी नंबर से इस तरह का मैसेज पहुंच चुका था। कुछ के पास वीडियो काल भी पहुंची, लेकिन अनजाने में ही काल रिसीव नहीं कर पाए। गनीमत यह रही कि फर्जी एकाउंट बनाने वाले ने अभी इसके आगे किसी को भी कोई नया संदेश नहीं भेजा था। जो फर्जी एकाउंट तैयार किया गया है, उस पर यह भी लिखा है कि फोन नंबर फ्राम उजबेकिस्तान यानी नंबर उजबेकिस्तान से है। नगर आयुक्त ने सभी से अपील की है कि वे, उनके नाम पर सोशल मीडिया में बात करने और मदद मांगने वालों से सावधान रहने के साथ ही उस नंबर को ब्लाक कर दें।
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