गोरखपुर : इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी थी। यदि इसकी जानकारी मिलती तो बिना लाइसेंस कैंटीन का संचालन नहीं होने दिया जाता। पूरी व्यवस्था दुरुस्त कराकर जल्द ही कैंटीन का संचालन शुरू कराया जाएगा। एम्स गोरखपुर के कैफेटिया और कैंटीन में एक्सपायर व दूषित खाद्य पदार्थ बिकने की खबर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर का संज्ञान लेकर चेयरमैन देशदीपक वर्मा ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को जांच के लिए कहा था। आननफानन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम एम्स में पहुंची और जांच शुरू की गई। जांच में गड़बडिय़ों की पुष्टि के बाद कैफेटेरिया व कैंटीन को बंद करा दिया गया। एम्स प्रशासन ने कैंटीन संचालकों को नोटिस जारी किया था। मंगलवार को संचालकों ने इसका जवाब दिया।
पहली बार एम्स में शुरू हुई आडिट
गोरखपुर: एम्स गोरखपुर की स्थापना के बाद पहली बार आडिट शुरू की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक पर कांप्ट्रोलर एंड आडिटर जनरल आफ इंडिया की टीम के सदस्यों ने मंगलवार से आडिट शुरू कर दी है। आडिट 24 सितंबर तक चलेगी। इसमें हर ङ्क्षबदुओं की पड़ताल की जा रही है। आडिट टीम ने एम्स प्रशासन से कई फाइलों को मांगा है। कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रो। गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि मंत्रालय की आंतरिक आडिट शुरू हो गई है। अब तक एम्स गोरखपुर में आडिट नहीं हो सकी थी। मैंने पहल कर आडिट की शुरुआत कराई है। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहती है।