गोरखपुर (ब्यूरो)।इससे कंज्यूमर गलत बिजली बिल लेकर खंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। एसई ने इनकी लापरवाही को पकड़ते हुए बिलिंग एजेंसी के पेमेंट में कटौती करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को बिलिंग और राजस्व क्षति को लेकर एमडी ने वीडियो कांफ्र ंसिंग की। इस दौरान जोन में बिलिंग स्तर कम होने पर एमडी ने नाराजगी जताई। अभियंताओं ने बिलिंग एजेंसी की लापरवाही बताते हुए उदाहरण के साथ उनके सामने अपनी बात रखी। इसमें शहरी एरिया के बक्शीपुर के कंज्यूमर्स की जानकारी दी गई। एक ही खंड में तीन कंज्यूमर्स का बिजली बिल मीटर रीडर्स ने मनमाने तरीके से बना दिया। दरअसल, जिन कंज्यूमर्स का बिजली बिल गलत बना जाता है, उनका बिल आरडीएफ हो जाता। आरडीएफ बिल में किसी माह बिल अधिक आता है तो किसी माह बिल कम आता है। अक्सर कंज्यूमर बिल की रीडिंग नहीं देख पाते और बिल जमा कर देते हैं। ऐसे में जब किसी माह अचानक बिल की जांच कर बिल निकलता है तो उसके साथ सरचार्ज जुड़कर आता है। इस स्थिति में कंज्यूमर्स को बिल के साथ सरचार्ज भी भरना पड़ता है। इसके अलावा आरडीएफ बिल अधिक बढ़कर आता है तो उसे बाद में सही करवाने के लिए कंज्यूमर्स को चक्कर लगाना पड़ता।
कंज्यूमर्स को नहीं पता कौन लेता है रीडिंग
सिटी के कंज्यूमर को पता ही नहीं है कि मेरे इलाके में कौन बिलिंग एजेंसी की मीटर रीडर मीटर रीडिंग ले रहा है। हर रोज सैकड़ों कंज्यूमर्स की कंप्लेन आ रही है। सुपरवाइजर से कंप्लेन करने के बाद भी मीटर रीडर्स किसी प्रकार का कोई लगाम नहीं लग पा रहा है। हालांकि, इसके बारे में मीटर रीडर्स से पूछने पर उधर से जवाब आता है कि पिछले महीने बिजली बिल दूसरा कोई बनाया है। ऐसी स्थिति में कंज्यूमर्स बिजली बिल जमा करने के बजाए बिल सुधार कराने के लिए बिजली घरों का चक्कर लगा रहे हैं।
मीटर रीडर बिना गए बना देते हैं बिल
मीटर रीडर बिल बनाते हैं और इस बिल के आधार पर कंज्यूमर पेमेंट करते हैं। जिन स्थानों पर मीटर रीडर बिना गए बिल बनाते हैं, वहां ज्यादा गड़बड़ी होती है। कभी मीटर रीडर ज्यादा रीडिंग का बिल बना देते हैं। तो कभी काफी कम यूनिट फीड कर देते हैं। दोनों स्थितियों में बिल गड़बड़ हो जाता है। इसे ठीक कराने के लिए कंज्यूमर्स को खंड कार्यालय पर जाना पड़ता है।
केस 1- बक्शीपुर एरिया के रहने वाले बब्लू साहनी का कहना है कि मीटर रीडर के बार-बार बदलने की वजह से समय पर मीटर की रीडिंग नहीं हो पा रही है। इसके चलते बिल भी गड़बड़ आ रहा है। बिल सुधार के लिए बिजली घर की दौड़ लगानी पड़ती है।
केस 2-रुस्तमपुर एरिया के रहने वाले प्रमोद सिंह हर महीने समय पर बिजली का बिल जमा करते हैं। लेकिन इधर कुछ महीने से बिल में गड़बड़ी मिल रही है। मीटर रीडर आते नहीं है और बिल बन जाता है। इसकी वजह से परेशान कंज्यूमर को होना पड़ रहा है।
बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडरों की गलती का खामियाजा कंज्यूमर्स और अभियंता दोनों उठा रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जा रही, फिर भी सुधार नहीं हो रहा। बिलिंग एजेंसी के पेमेंट में कटौती के निर्देश दिए हैं।
ई। यूसी वर्मा, एसई शहर