गोरखपुर (ब्यूरो)। पब्लिक को साधारण पानी पिला रहे हैं तो अपना यह कंफ्यूजन दूर कर लीजिए। गोरखपुर के पब्लिक प्लेसेस पर पानी पीने योग्य है और टीडीएस (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड) लेवल मेंटेन है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने स्वयं टीडीएस टेस्टिंग इक्विपमेंट से जगह-जगह पानी की जांच की तो टीडीएस लेवल 300 के नीचे मिला। इस बात की पुष्टि एमएमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के रिसर्च स्कॉलर अनिल कुमार चौधरी ने भी इस बात की पुष्टि की है। अनिल ने सिटी के विभिन्न एरिया से पानी के कुल 57 सैैंपल कलेक्ट किए। इसमें 50 प्रतिशत हैैंडपंप और इंडिया मार्क के हैैंडपंप से सैैंपल लिए गए थे और घर में लगे टैैंक से भी पीने का सैैंपल लिया गया। था। पानी के सैैंपल में 212.4-1086 मिलीग्राम-प्रतिलीटर टीडीएस लेवल पाया गया।
57 सैैंपल कलेक्ट
पानी की शुद्धता को लेकर अक्सर सवाल खड़े किए जाते हैं। वहीं, आरओ प्लांट संचालक भी इन्हीं भ्रामक बातों के जरिए अपनी दुकानदारी चलाते हैैं। लेकिन एमएमएमयूटी के रिसर्च स्कालर अनिल कुमार चौधरी ने गोरखपुर जिले के विभिन्न एरिया से पानी के 57 सैैंपल कलेक्ट किए। पानी की सैैंपलिंग के लिए उन्होंने प्रो। गोविंद पांडेय के मार्गदर्शन में 'असेसमेंट ऑफ वॉटर क्वालिटी पैरामीटर्स और गोरखपुर सिटीÓ सब्जेक्ट पर रिसर्च की।
गैस्ट्रो की हो सकती है प्रॉब्लम
रिसर्च स्कालर अनिल कुमार चौधरी ने बताया, रिसर्च के दौरान हैैंडपंप और इंडिया मार्क हैैंडपंप से सैैंपल लिया गया था। स्टडी के दौरान टीडीएस (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड) 212.4 से 1086 मिलीग्राम प्रति लीटर के बीच पाया गया। इसमें दोनों हैैंडपंप के कुछ सैैंपल 500 मिलीग्राम प्रतिग्राम लीटर से ऊपर पाए गए, लेकिन अधिकांश सैैंपल 500 मिलीग्राम-प्रतिलीटर से नीचे पाए गए। बीआईएस द्वारा पानी के लिए टीडीएस का मानक मूल्य 500-2000 मिलीग्राम प्रतिलीटर है। आमतौर पर पानी की उच्च टीडीएस प्राकृतिक स्रोतों सीवेज, अर्बन रन ऑफ, इंडस्ट्रियल वेस्ट वॉटर, सेप्टिक टैैंक के कारण होता है। पानी में घुले खनिज की कुल सांद्रता कई प्रकार के उपयोगों के लिए पानी की समग्र उपयुक्ता का एक समान्य संकेत है। अधिक टीडीएस वाला पानी गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल इरिटेशन आंत में जलन पैदा करता है।
217 ञ्च कचहरी बस स्टेशन
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने कचहरी बस स्टेशन के प्याऊ से पानी का सैंपल लेकर जांच की तो टीडीएस लेवल 217 मिलीग्राम प्रतिलीटर पाया गया।
227 ञ्च रेलवे बस स्टेशन
आईनेक्स्ट टीम ने जब रेलवे बस स्टेशन पर शुद्ध पेयजल की शुद्धता को लेकर टीडीएस लेवल का मेजरमेंट किया तो वहां यह 227 मिलीग्राम प्रतिलीटर पाया गया।
287 ञ्च रेलवे स्टेशन
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिए उपलब्ध पेयजल की शुद्धता का मेजरमेंट किया गया तो वहां 287 टीडीएस पाया गया। एक्सपर्ट की मानें तो टीडीएस का यह लेवल ठीक है और पानी पीने योग्य है।
इन एरिया से लिए गए पानी के सैैंपल
- राप्तीनगर
- मोहरीपुर
- मेडिकल कॉलेज रोड
- नौसढ़
- मोहद्दीपुर
- कूड़ाघाट
- सुबा बाजार
गोरखपुर में वॉटर क्वालिटी सर्वे कराया जाता रहा है। यहां पर विभिन्न एरिया में अक्सर वॉटर क्वालिटी में 130-200, 200-300, 300-500, 500-1000, 1000-2000 टीडीएस पाया गया है। जो हमारे बॉडी के लिए एक्सेप्टेबल है। बशर्ते 500 से अधिक टीडीएस पाए जाने पर वैकल्पिक स्रोतों की जरुरत पड़ती है।
प्रो। गोविंद पांडेय, कार्यकारी निदेशक, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोंडा
जलकल की तरफ से हर माह ओटी टेस्ट किया जाता है। पानी में अगर खराबी होगी तो इसमें पता चल जाएगा। इससे अगर कहीं कोई कमी मिलती है तो दुरुस्त कर लिया जाता है। फिलहाल शहर में पानी की क्वालिटी सही है। लोग इसे काफी मात्रा में इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
सत्येश कुमार सिंह, असिस्टेंट इंजीनियर, जलकल