गोरखपुर (ब्यूरो)। केस -1
हॉन्गकॉग के सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (सीएफएस) ने इंडिया के एक ब्रांड के तीन मसाले करी पाउडर, मिक्स्ड मसाला पाउडर और सांभर मसाला में गड़बड़ी पायी है। इसमें एथिलीन ऑक्साइड जो एक तरह का पेस्टीसाइड होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। वहीं एक और ब्रांड के फिश करी मसाला में केमिकल पाया गया। यह सब जानकारी गोरखपुराइट्स स्वाद और सेहत के मामले में अलर्ट हो गए हैं।
केस- 2
गोरखपुर की सीमा मॉर्केट में खुले में पीसा मसाला हल्दी और लाल मिर्च खरीदकर लाईं। किचन में सब्जी बनाने जा रही थीं तब पानी मिलाकर जैसे ही सब्जी में डाला तो पता चला ईंटा का बुरादा मिला हुआ है। यह देखकर वह चौंक गईं। इसके बाद वह खड़ा मसाला यूज करने लगीं।
ये दो केस अलर्ट रहने के लिए काफी है। मिलावटखोरी के चलते गोरखपुराइट्स अब मसाले का प्रयोग करने में बेहद सावधानी बरत रहे हैं। खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए खड़ा मसाला यूज कर रहे हैं। साहबगंज में ऐसे मसालों की डिमांड भी बढ़ गई है। व्यापारियों ने अनुसार डेली बड़ी संख्या में लोग खड़ा मसाला ले जा रहे हैं। बता दें कि देश की टॉप ब्रांड मसाले की कंपनी हॉन्गकॉग और सिंगापुर में जांच के बाद कुछ मसालों में कथित तौर पर एक ऐसा खतरनाक केमिकल पाया गया है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। ज्यादा से ज्यादा मुनाफे के लिए मसालों में लकड़ी से लेकर ईंट का बुरादा मिला रहे हैं। जो खाने के स्वाद को फीका कर दे रहा है और सेहत को नुकसान हो रहा है। इसके चलते गोरखपुराइटस अलर्ट हो गए है।
इन मसालों में सबसे अधिक मिलावट
सबसे ज्यादा जिन मसालों में मिलावट होती है उनमें, लाल मिर्च, हल्दी, धनिया, दाल चीनी और काली मिर्च है। आपको बता दें, लाल मिर्च में लाल रंग, लाल ईंट या कबेलू का बारीक पिसा पाउडर मिला दिया जाता है। जबकि, हल्दी में मेटानिल येलो नामक रसायन की मिलावट होती है, इससे कैंसर जैसी बीमारी का खतरा रहता है। मिलावटखोर धनिया पाउडर में कई तरह के खरपतवार को बारीक पीस कर मिला देते हैं। इसके अलावा इसमें आटे की भूसी को भी मिला दिया जाता है। वहीं दालचीनी में अमरूद की छाल की मिलावट होती है। जबकि, काली मिर्च में पपीते के बीजों की मिलावट की जाती है।
ये है खड़ा मसाला
- लौंग
- दालचीनी
- लाल मिर्च
- तेज पत्ता
- पोस्ता दाना
- शहजीरा
- स्तर अन्नी
- काली मिर्च
- शीतलचिन्नी
- जायफल
- बड़ी इलायची
- छोटी इलायची
- जावित्री
- धनिया
- हल्दी
- कस्तूरी
- मेथी,जीरा
- पीपली आदि खड़ा मसाला आता है।
कैसे पहचाने मिलावटी मसाला
- लाल मिर्च में मिलावट की पहचान करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मिर्च पाउडर को पानी में डालकर देखना होगा, अगर लाल मिर्च पाउडर पानी में तैरता रहे तो ये शुद्ध है और अगर डूब जाए तो इसका मतलब कि इसमें मिलावट की गई है।
हल्दी पाउडर में मिलावट चेक करने के लिए इसमें कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और कुछ बूंदे पानी की डालकर चेक कर सकते हैं। अगर हल्दी का कलर गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो इसका मतलब कि इसमें मिलावट की गई है।
धनिया पाउडर में मिलावट का पता आप उसकी खूशबू से लगा सकते हैं। वहीं दाल चीनी में मिलावट को परखने के लिए आप इसे हाथ पर रगड़कर देखें। अगर कुछ कलर नजर आए, तो यह असली है नहीं तो समझ लीजिए कि ये नकली है।
काली मिर्च में मिलावट चेक करने के लिए इसको पानी या शराब में डाल कर देखें। अगर काली मिर्च तैरती दिखाई दे तो समझ जाइए कि ये नकली है और अगर डूब जाए तो इसका मतलब कि ये असली है।
मिलावटी मसालों से लीवर-किडनी को नुकसान
जिला अस्पताल के डॉ। राजेश कुमार के अनुसार मिलावटी मसालों मे अधिक कंपनियां केमिकल यूज करती है। अभी जस्ट मामला आया है कि एथिलीन ऑक्साइड जो एक तरह का पेस्टीसाइड होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। इस लिए शुद्ध मसाले का यूज करें। कोशिश करें पीसा मसाला यूज से बचें।
गोरखपुर के लोग अपने सेहत का ध्यान दे रहे है। अब खड़ा मसाला खरीद रहे हंै। लौंग, दालचीनी, लाल मिर्च, तेज पत्ता, पोस्ता दाना, शहजीरा, स्तर अन्नी आदि मसालों की डिमांड बढ़ गई है।
गोपाल जायसवाल, थोक मसाला कारोबार
सभी को खड़ा मसाला यूज करना चाहिए। यह एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जिससे सेहत को लाभ मिलता है। पैकेट में मिलावटी की आशंका अधिक होती है। इसलिए खड़ा मसाला का ही यूज करें।
रवि गुप्ता, थोक मसाला कारोबारी
पब्लिक कमेंट
मैं अपने किचन के लिए खड़ा मसाला लेकर अपने घर पर ही पिसती हूं। इसके बाद सब्जी में यूज करती हूं। स्वाद भी अच्छा आता है और सेहत को कोई नुकसान नहीं।
मनीषा, हाउस वाइफ
खड़ा मसाला का यूज करने से खाने स्वाद बढ़ जाता है। मैं बाजार से खड़ा मसाला लाकर उसे यूज करती हूं। पैकेट बंद हमें पसंद नहीं है।
सोनिया, हाउस वाइफ