गोरखपुर (ब्यूरो)। वह कब लौटेगी, इस बारे में किसी को पता नहीं है। दुष्कर्म का आरोपित पूर्व वरिष्ठ अधिकारी बुधवार दोपहर बाद परिसर में आया। कार्यालय कक्ष में गया और एक्वेरियम के साथ ही कई किताबें, शील्ड लेकर वापस चला गया। वर्ष 2021 में एम्स में कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही वह एक्वेरियम और किताबें लेकर आया था। एम्स प्रशासन ने उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है।
पूर्व वरिष्ठ अधिकारी दोपहर बाद तकरीबन 3:30 बजे निजी कार से आया था। उसके साथ रिश्तेदार भी थे। इन्हीं रिश्तेदारों के माध्यम से उसने मंगलवार को सर्विस बुक व पर्सनल फाइल भेजी थी। प्रशासनिक भवन के पास कार खड़ी कर कार्यालय में गया। पद की जिम्मेदारी निभाने वाले डाक्टर से बात की और सामान निकालना शुरू किया। कार में सामान रखकर वह लौट गया।
छात्रों को नहीं लगने दी गई भनक
पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के कृत्यों से एम्स के मेडिकल छात्रों में बहुत नाराजगी है। मामला सामने आने के बाद एक छात्र उसकी पिटाई करने प्रशासनिक भवन पहुंच गया था। बुधवार को जब पूर्व वरिष्ठ अधिकारी आया तो किसी को पता नहीं चलने दिया गया। एम्स प्रशासन को डर था कि छात्रों को इसकी जानकारी हो जाएगी तो वह प्रशासनिक भवन आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में कोई भी घटना हो सकती है।
विश्वास हो गया कि कुछ नहीं होगा तब आया
पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को विश्वास हो गया है कि अब एम्स में कोई कार्रवाई नहीं होगी। एम्स की विशाखा कमेटी की अस्पष्ट रिपोर्ट से भी उसे बहुत फायदा मिला है। यदि पीडि़त छात्रा ने पुलिस को तहरीर दी तभी आरोपित पर कार्रवाई हो सकती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तहरीर मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के डर से वह नेपाल भाग गया था। कोई उसकी जानकारी न पाए, इसके लिए मोबाइल फोन घर पर छोड़ दिया था।
मिल रही पल-पल की खबर
पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को एम्स परिसर में चल रही हर गतिविधि की पल-पल की खबर मिल रही है। यही वजह है कि वह एम्स परिसर में तब आया जब दुष्कर्म पीडि़त छात्रा स्वजन के साथ मुंबई के लिए रवाना हो चुकी थी।
सोच-समझकर एम्स प्रशासन उठा रहा कदम
एम्स प्रशासन कार्रवाई को लेकर सोच-समझकर कदम उठा रहा है। विधिक सलाह लेने के साथ ही उसके सभी ङ्क्षबदुओं का परीक्षण चल रहा है। सलाह आने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ताओं से भी राय ली जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की रणनीति बनेगी।