गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।इसी तरह समीरा और शिवांगी ने कहा कि अब मैं केवल एजुकेटेड होने के लिए नहीं पढ़ूंगी। बल्कि एक उद्देश्य को पूरा करने का लक्ष्य लेकर चलूंगी। बिना लक्ष्य या उद्देश्य के सारी पढ़ाई बेकार है। जबकि अल्वीना आर्या और अरीशा मुजफ्फर कहती हैं कि मारिया मैम की वजह से अब मैं अच्छी स्पेनिश बोलती हूं। आइए जानते हैं स्कूल में पढऩे वाली बेटियों में इतना कांफिडेंस भरने वाली मारिया मैम आखिर हैं कौन।

स्पेन से आए सक्सेस के टिप्स

स्पेन के बार्सिलोना निवासी मारिया रॉडरिग्स (24) बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुनिया भर की सैर कर रही हैं। इस समय वो गोरखपुर आई हैं। यहां पर मानीराम, कौडिय़ा, खोराबार समेत कई रूरल एरियाज में जाकर वो बच्चियों से मिलकर उनके अंदर जोश भरकर कुछ नया करने का आइडिया बता रही हैं। सिटी में इस समय स्प्रिंगर लोरेटो गल्र्स स्कूल में वो काफी समय बच्चों के साथ बिता रही हैं। स्प्रिंगर लोरेटो में वे बच्चियों को सक्सेज के टिप्स दे रही हैं।

मां से सुनी थी इंडिया की कहानी

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम से बात करते हुए मारिया ने बताया कि 30 साल पहले उनकी मां इंडिया आई थी। इंडिया की यात्रा के दौरान उनकी मां को बनारस सिटी ने काफी प्रभावित किया था। मां ने ही इंडिया और खासतौर से बनारस के बारे में ढेरों खूबियां गिनाईं, जिसे सुनने के बाद मारिया के अंदर भी इंडिया देखने की इच्छा जागी।

गल्र्स को एजुकेटेड और स्मार्ट बनाना उद्देश्य

मारिया ने बताया कि वो स्पेन में भी एजुकेशन पर काम करती थीं। इस दौरान इंडिया के कुछ स्कूलों से वो ऑनलाइन जुड़ीं। तब उन्हें ये पता चला कि इंडिया में कई इलाके हैं, जहां पर गल्र्स पढ़ी लिखी तो हैं, लेकिन उनके अंदर स्मार्टनेस और आत्मविश्वास की कमी है। इसके बाद वो इंडिया आई और सबसे पहले बनारस घूमने गईं। वहां पर से पूर्वांचल के गोरखपुर आईँ।

मारिया का पढ़ाने और समझाने का आइडिया और भी टीचर देखते हैं। मेरे लिए गर्व की बात है कि मारिया ने मेरे स्कूल की बच्चियों से अपना एक्सपीरियंस शेयर किया।

रीमा श्रीवास्तव, डायरेक्टर, स्प्रिंगर लोरेटो स्कूल

मारिया का पढ़ाने का आइडिया डिफरेंट है। कम ही दिनों में बच्चों के बीच उन्होंने अलग जगह बनाई है। मारिया से बच्चियों के साथ ही टीचर्स को भी काफी कुछ सीखने को मिला है।

दीक्षा सक्सेना, कोआर्डिनेटर