भाई की जिम्मेदारी
कौड़ीराम की अनुपमा तिवारी ने बताया कि उनके पैदा होने के दो साल बाद छोटी बहन ने जन्म लिया। इसके बाद अनुपमा ने उसके बड़े भाई की जिम्मेदारी निभाई। एक भाई की तरह ही अनुपमा छोटी बहन को पढ़ाती हैं और हर साल रक्षाबंधन पर राखी बंधवाती हैं। इसके साथ ही अपनी बहन के साथ रहने का वचन देती हैं।
भाभी को बनाया बहन
दुर्गाबाड़ी की रहने वाली सौम्या के भाई की शादी हुई तो उनकी भाभी काजल के भाई नहीं थे। इसकी वजह से वह राखी पर निराश हो जाती थीं। फिर सौम्या ने अपनी भाभी को राखी बंाधनी शुरू कर दी। इसके बाद वह खुद अपने ननद की रक्षा करने का वचन देने के साथ हर साल राखी बंधवाती हैं।
भाई की कमी पूरी
गोरखपुर में कई ऐसी बहने हैं जो अपनी छोटी बहनों के लिए खुद भाई बनकर उनकी ढाल बन रही हैं। बेतियाहाता की रहने वाली सुप्र्रिया भी हर साल अपनी बहन को राखी बांधती है। उनका मानना है कि भाई की सारी जिम्मेदारी उनकी बहन ही निभाती है, उनके रहते भाई की कमी महसूस नहीं होती।
बांध रहीं लुंबा राखी
गोरखनाथ की रहने वाली श्रद्धा ने बताया कि वह अपनी बहन को राखी के बदले लुम्बा राखी बांधती हैं। वैसे लुम्बा राखी पहले मारवाड़ी फैमिली में ही प्रचलित थी, लेकिन अब ये गोरखपुर में भी तेजी से प्रचलन में आ रही है। वो अपनी बहन के लिए लुम्बा राखी खरीदती हैं और हर साल बहन को बांधती हैं।