गोरखपुर (ब्यूरो)। डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन करने की सलाह दी। इसके बाद राजकुमार एसआईसी के पास पहुंचे। उन्होंने प्राइवेट वार्ड की मांग की, जिसके जवाब में एसआईसी ने बोला कि इस समय प्राइवेट वार्ड की व्यवस्था नहीं है। इसलिए आप को वार्ड में ही मरीज के साथ रहना होगा। राजकुमार ने सवाल किया कि ऐसा क्यों? एसआईसी ने बताया कि प्राइवेट वार्ड को कंडम घोषित कर दिया गया है। इसलिए उसमें रहना नामुमकिन हैं। शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलने के बाद प्राइवेट वार्ड का निर्माण कार्य शुरू होगा। इसके बाद राजकुमार निराश होकर लौट गए।

हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं था, इससे पहले भी कई मरीज और तीमारदारों नेे विभाग से प्राइवेट वार्ड की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट वार्ड की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ध्वस्तीकरण की रफ्तार भी सुस्त

बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्राइवेट वार्ड की ध्वस्तीकरण की रफ्तार अभी सुस्त है। नए वार्ड बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लगभग 29 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन प्रस्ताव पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। इसके लिए बार-बार रिमांडर भी भेजा जा चुका है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद निर्माण काम शुरू कर दिया जाएगा।

2004 में बना था 32 बेड का प्राइवेट वार्ड

20 साल पहले मेडिकल कॉलेज में 32 बेड के प्राइवेट वार्ड बनाया गया था। साल 2004 में बने प्राइवेट वार्ड को तोड़कर अब नया वार्ड बनाने की की तैयारी तेज कर दी गई है। इस वार्ड के छत और छज्जे टूटकर गिर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी की ओर से वार्ड की जांच कराई गई थी। रिपोर्ट के आधार पर इसे जर्जर घोषित कर दिया गया था। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने वार्ड की बेहद खराब स्थिति की वजह से प्राइवेट वार्ड की सेवा बंद कर दी गई। ध्वस्तीकरण के लिए शासन को पत्र भेजा है।

जानकारी के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज को पुराना प्राइवेट वार्ड तोड़कर उसी स्थान पर चार मंजिला प्राइवेट वार्ड बनाया जाएगा। इसके बन जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी। वार्ड में एक कमरा, किचन और हाईटेक बाथरूम आदि की सुविधा होगी। हालांकि, इसे बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन के पास तीन बार रिमाइंडर भेज चुका है। चौथा रिमाइंडर भेजने की तैयारी है। उम्मीद है कि जल्द ही शासन की ओर से अनुमति मिल जाएगी।

प्राइवेट वार्ड की स्थिति बेहद खराब हो गई है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने जांच कर जर्जर घोषित कर दिया है। इसलिए पहले ही वार्ड को बंद करवा दिया गया है। ध्वस्तीकरण के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। साथ ही नया वार्ड बनाने के लिए करीब 29 करोड़ को प्रपोजल भी भेजा जा चुका है। शासन की तरफ से अनुमति मिलने का बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

डॉ। राम कुमार जायसवाल, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज