प्रधानमंत्री पद का पूरा देश आदर करता है। हम भी आदर करते हैं। प्रधानमंत्री बौखलाहट में आ गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की मर्यादा और गरिमा नहीं रखी।
सबसे बड़ी समस्या मंहगाई और बेरोजगारी
प्रियंका, सहारा एस्टेट के क्रिकेट मैदान में आइएनडीआइ गठबंधन के बांसगांव से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी सदल प्रसाद और गोरखपुर लोकसभा से सपा की प्रत्याशी काजल निषाद के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर रही थीं। कहा कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। लोगों से सवाल किया, मोदी जी इस पर बात करते हैं, उनके लफ्ज में कभी बेरोजगार शब्द सुना? जवाब मिला नहीं। कहा, तीन महीने से मोदी जी प्रचार कर रहे हैं, लेकिन उनके मुंह से महंगाई शब्द नहीं निकला। फिर सवाल किया, क्या समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को हम बताएं कि बेरोजगारी क्या होती है? मोदी गरीब और किसान विरोधी सरकार चला रहे हैं। कर्जमाफी की बात होती है तो मोदी जी के मुंह से कर्जमाफी सुनते हैं आप? मोदी जी आप देश के प्रधानमंत्री हैं, इतनी भी असलियत मत दिखाइए। बोलीं, यह लोग संविधान की बात करते हैं लेकिन संविधान के लिए आदर नहीं है। इनके प्रत्याशी जगह-जगह कहते हैं, संविधान बदल देंगे। यह आपका आरक्षण छीन लेंगे, आपका अधिकार छीन लेंगे। हम बताते हैं कि बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए क्या करेंगे। हम फिजूल की बात नहीं करते, ध्यान भटकाने की बात नहीं करते। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में विस्तार से बताया।
भैंस, मंगलसूत्र की बात करने वालों को रास्ता दिखा दीजिए
प्रियंका गांधी ने कहा कि आपके बीच जो नेता आकर स्तरहीन बातें करते हैं, मोदी जी की तरह कभी भैंस तो कभी मंगलसूत्र की बात करते हैं लेकिन बेरोजगारी व महंगाई की बात नहीं करते, उन्हें रास्ता दिखा दीजिए। उनसे पूछिये कि आप कह रहे हैं कि आइएनडीआइ गठबंधन के लोग आकर बिजली चुराएंगे, पूछिये कि मोदी जी 10 वर्ष में बिजली का इतना बड़ा बिल आपके राज्य में मिल रहा है। नेताओं से सवाल कीजिए कि बेसहारा पशु की समस्या किसके कार्यकाल में शुरू हुई है। इनसे सवाल पूछिये, जागरूक बनिये और एक तारीख को इनका मार्गदर्शन कर दिखाइए कि बेरोजगारी क्या होती है और किस तरह आप अपनी समस्या का सामना कर रहे हो।
गठबंधन की तारीफ की
प्रियंका गांधी ने गठबंधन की तारीफ की। कहा कि जिस तरह से हमने चुनाव लड़ा है, उसी तरह की जीत आप बनाकर दिखाएं।