गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं, छेड़खानी और पॉक्सो के 32 केस फर्जीवाड़ा कर कराए गए मिले। इन सभी की जांच कर पुलिस ने निर्दोष का जीवन खराब होने से बचाया और उन्हें बाइज्जत बरी किया। कुछ केस में तो आरोपित बने लोगों को जेल भी काटनी पड़ी। एसएसपी अब ऐसे मामलों को लेकर गंभीर हो गए हैं, उन्होंने ऐसे केसेज की सख्ती से जांच कर गलत आरोप लगाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अब तक दो गिरोह के सदस्यों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है।
नफीसा गिरोह का सच उजागर
पुलिस जांच में दो गिरोह अब तक सामने आ चुके हैं। सबसे पहले नफीसा गिरोह सामने आया है, जिसकी जांच भी पूरी हो चुकी है। चार्जशीट भी तैयार है। इसी बीच पुलिस के पास एक पीडि़ता पहुंची और उसने पति पर फर्जी केस दर्ज कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि फर्जी केस दर्ज कराकर गिरोह वसूली करता है।
किशोरियों से कराते एफआईआर
हाल में जिस गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है, उसकी जांच में पता चला कि मोतिहारी जिले के टाउनहाल, बलुआताल वार्ड नंबर 29 का रहने वाला विकास सिन्हा जेल बाईपास पर पादरी बाजार के पास छोटा अस्पताल चलाता था। वह शहर में किराये पर मकान लेकर जंगल सालिकराम मोहल्ले में रहने लगा। अस्पताल से वह दवा का व्यापार भी करता था। इसी दौरान उसकी कई लोगों से जान-पहचान हुई। इसके बाद उसने कई व्यापारियों से रुपये वसूले थे। रुपये वापस मांगने पर ही उसने अपने साथी देवरिया की गीता, हेमंती की मदद से एक बच्ची को आगे करके पांच केस दर्ज कराए। इसमें महिला के पति को जेल भी जाना पड़ा। पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि बच्ची की फर्जी तरीके से टीसी भी तैयार की गई थी।
पुलिस हर मामले की अच्छे से जांच करती है, जिसमे काफी मामले रेप, छेड़खानी और पॉक्सो के फर्जी मिले हैं। कुछ गैंग इस तरह का काम कर रही थी, उनपर कार्रवाई कर जेल भी भिजवाया गया है। आगे भी गलत आरोप लगाकर वसूली करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश हर थानों पर दिया गया है।
डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर
फैक्ट फाइल
15 केस रेप के फर्जी मिले
32 छेडख़ानी के केस जांच में फर्जी पाए गए