गोरखपुर (ब्यूरो)। Gorakhpur Crime News: लंबे समय से फर्जी स्टांप बेचने वाला बिहार के सिवान जिले का गिरोह छह माह से जाली नोट छापता था। गिरोह के मास्टरमाइंड नवाब आरजू की निशानदेही पर बुधवार को कैंट थाना पुलिस ने 200 के चार जाली नोट बरामद किए थे। विवेचक ने शुक्रवार को इसी मामले में रिमांड पर लेने के साथ ही मुकदमे में जाली नोट छापने की धारा बढ़ा दी। एक सितंबर, 2024 को यूपी एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने सिवान, मोफस्सिल नई बस्ती के रहने वाले नवाब आरजू व उसके साथी राजू को रेलवे स्टेशन के पास से फर्जी स्टांप, नकदी व गाड़ी के साथ पकड़कर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोपित से पूछताछ में पता चला कि वह जाली नोट भी छापता है। एटीएस के निरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कैंट थाना पुलिस ने आरोपितों को जेल भेज दिया। जाली नोट के संबंध में पूछताछ करने के लिए विवेचक ने न्यायालय ने अर्जी देकर नवाब आरजू की कस्टडी रिमांड मांगी थी।

विवेचक ने रिमांड लेने की अर्जी दी थी
मजिस्ट्रेट ने अर्जी स्वीकृत कर बुधवार को सुबह सात से रात 10 बजे तक के लिए नवाब आरजू की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। जिला कारागार से अभिरक्षा में लेकर विवेचक पहले सिवान गए। वहां से पहुंचने पर उसने बताया कि मैरवा में रहने वाली बहन के घर पर जाली नोट, ङ्क्षप्रटर व लैपटाप रखा था। पकड़े जाने के बाद उसकी पत्नी ने गोरखपुर में ले जाकर छिपा दिया है। रात को कैंट पुलिस ने नवाब आरजू की निशानदेही पर रेलवे स्टेशन के गेट नंबर सात के पास झाड़ी में पड़े बैग से लैपटाप, ङ्क्षप्रटर के साथ ही 200 रुपये के चार जाली नोट बरामद किए। रात होने की वजह से उसे कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका था। जालसाज के कब्जे से जाली नोट व ङ्क्षप्रटर मिलने की जानकारी सीजेएम कोर्ट में देने के साथ ही विवेचक ने रिमांड लेने की अर्जी दी थी। शुक्रवार को जालसाजी के मुकदमे में जाली नोट छापने की धारा बढ़ाने के साथ ही कैंट पुलिस ने नवाब आरजू को इस मामले में न्यायालय में पेश कर रिमांड लिया।


फर्जी स्टांप प्रकरण में एटीएस ने गिरोह के मास्टरमाइंड नवाब आरजू व उसके साथी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जाली नोट छापने की धारा बढ़ाने के साथ ही आरोपित को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। फरार चल रहे गिरोह के अन्य साथियों की तलाश चल रही है। नवाब आरजू के पिता व गिरोह के अन्य सदस्य जालसाजी के दूसरे मामले में पहले से जेल में है।
- अंशिका वर्मा, सीओ कैंट