गोरखपुर: शुक्रवार को सिविल कोर्ट ने अलाउद्दीन को भगोड़ा घोषित कर एनबीडब्ल्यू जारी किया था। गुलरिहा थाने में मई माह में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। तभी से वह फरार चल रहा है। क्राइम ब्रांच के साथ ही गुलरिहा थाने की पुलिस टीम उसकी तलाश में लगी है।
मई से ही तलाश
गुलरिहा थाने की पुलिस डॉ। राहुल नायक के तहरीर पर केस दर्ज कर मई माह से ही लगातार अलाउद्दीन की तलाश में लगी है। कुशीनगर के तमकुहीराज स्थित उसके घर पर पुलिस ने कई बार सटिक मुखबिरी पर दबिश भी दी थी। लेकिन इससे पहले ही वह वहां निकल चुका था। अलाउद्दीन की पत्नी वार्ड की पार्षद है, पुलिस ने उससे पूछताछ की। तब पता चला कि केस दर्ज होने के बाद से ही घर अलाउद्दीन के साथ ही उसका भाई भी फरार है। पुलिस टीम ने अलाउद्दीन से जुड़े अन्य परिचितों की भी तलाश की, लेकिन वे भी नहीं मिले।
गिरोह का सरगना
पुलिस की मानें तो अलाउद्दीन फर्जी डिग्री का धंधा करने वाले गिरोह का सरगना है। सीएमओ ऑफिस से डॉक्टरों की डिग्री की फोटो कॉपी निकलवाकर, उससे डॉक्टर की फर्जी डिग्री और अन्य कागजात अलाउद्दीन तैयार करता है। फिर उसे अन्य शहरों में बेच देता है। जिससे अवैध डाग्यनोस्टिक सेंटर संचालित किए जाते हैं। इसके बदले अलाउद्दीन को मोटी रकम मिलती है, साथ ही गैंग से जुड़े अन्य लोगों की भी अच्छी कमाई होती है। पुलिसस की मानें तो अलाउद्दीन के पकड़े जाने पर कई और पर्दे में छिपे चेहरे भी बेनकाब होंगे।
17 मई को केस दर्ज
गुलरिहा थाने में डॉ। राहुल नायक की तहरीर पर 17 मई को कुशीनगर के अलाउद्दीन और प्रयागराज के राम पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। इस केस में गुलरिहा पुलिस ने एक सितंबर को गाजीपुर के भुडकुड़ा थाना क्षेत्र के पदुमपुर मैगर राय निवासी बृजेश लाल, वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के दीनापुर चिरईगांव निवासी ओमप्रकाश गौतम और वाराणसी के चौबेपुर इलाके के बराई निवासी दीपक विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
एसएसपी द्वारा फरार बदमाश अलाउद्दीन पर 15 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हैं।
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी