गोरखपुर (ब्यूरो)।पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने तथा रोडवेज की छवि को बेहतर करने के उद्देश्य से परिवहन निगम ने बदलाव की ओर नाम की पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत बसों को संवारने का कार्य निगम के अफसर करेंगे। इसके लिए वह प्रत्येक माह बसों को गोद लेंगे।
हर माह चलेगा अभियान
नई व्यवस्था के तहत सभी डिपो के आरएम, एसएम और एआरएम दस-दस बसों को गोद लेंगे। बसें सिर्फ एक-एक माह के लिए गोद ली जाएंगी। यह क्रम प्रत्येक माह चलता रहेगा। इस दौरान गोद लेने वाले अधिकारी बसों की न सिर्फ निगरानी करेंगे, बल्कि तीन दिन के अंदर कमियों को दूर कर उसकी दशा भी बदलेंगे। बस की मरम्मत से लगायत साफ-सफाई रख-रखाव और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे।
शासन को जाएगी रिपोर्ट
विभिन्न आयु वर्ग की बसों का लोड फैक्टर व डीजल खपत की स्टडी कर निर्धारित रूट पर उसकी उपयोगिता तय करेंगे। प्रत्येक माह की पांच तारीख को अपनी रिपोर्ट हेडक्वार्टर लखनऊ भेजेंगे। बेहतर करने वाले प्रदेश के तीन अफसरों को अवार्ड से सम्मानित भी किया जाएगा। अभियान के प्रति लापरवाही व उदासीनता नहीं चलेगी। परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने परिवर्तन की ओर से पहल के संबंध में अफसरों को निर्देशित कर दिया है।
सात माह में चमक जाएंगी बसें
इस अभियान से गोरखपुर रीजन की बसें सात माह में चमक जाएंगी। प्रत्येक माह अफसर गोरखपुर, राप्तीनगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर डिपो के एआरएम, आरएम व एसएम 112 बसों को गोद लेंगे। ऐसे में सात माह में रीजन की लगभग 777 बसों का कायाकल्प हो जाएगा। इसके बाद भी परिवर्तन की ओर अभियान चलता ही रहेगा। ऐसे में आने वाले दिनों में यात्री सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही। छोटी-मोटी प्रॉब्लम भी खत्म हो जाएंगी।
परिवर्तन की ओर एक अच्छी पहल है। बसों में सुधार होने के साथ यात्री सुविधाएं भी बेहतर होंगी। आदेश के बाद गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन