गोरखपुर: कुछ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में तो ओजेटी अनिवार्य है। अब सभी इंस्टीट्यूट में इसे लागू करने की तैयारी है। स्टूडेंट्स को ओजेटी का मौका देने के लिए नैट्स 2.0 पोर्टल लांच किया गया है। यह पोर्टल स्टूडेंट्स को ओजेटी के लिए एम्प्लॉयर से डायरेक्ट मिलाएगा। यूजीसी की ओर से सभी हायर एजुकेशनल इंस्टीट््यूट्स को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के संबंध में नोटिस जारी कर दी गई है। इसका लाभ सिटी में पढऩे वाले साढ़े तीन लाख स्टूडेंट्स को मिलेगा। छात्रों को पोर्टल पर अपनी डिटेल्स भरकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नई व्यवस्था को डीडीयू, एमएमएमयूटी समेत सभी संबद्ध कॉलेजों में इसी सेशन से लागू किया जा रहा है।
स्टूडेंट्स को मिलेंगी ये सुविधाएं
यूजीसी के सेक्रेटरी प्रो। मनीष आर जोशी ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को जारी नोटिस में कहा कि स्टूडेंट्स को इस पोर्टल में रजिस्टर कराना होगा। यह पोर्टल स्टूडेंट्स को अप्रेंटिसशिप रिलेटेड एक्टिविटी, कैंडीडेट रजिस्ट्रेशन एंड एप्लीकेशन, जॉब वैकेंसी एडवरटाइजमेंट, कॉन्ट्रैक्ट क्रिएशन, सर्टिफिकेशन और स्टाइपेंड डिस्ट्रिब्यूशन समेत कई सारी फैसिलिटी देगा। रजिस्ट्रेशन के लिए स्टूडेंट्स को क्रठ्ठड्डह्लह्य.द्गस्रह्वष्ड्डह्लद्बशठ्ठ.द्दश1.द्बठ्ठ पर विजिट करना होगा।
बैंक अकाउंट में आएगा स्टाइपेंड का पैसा
अप्रेंटिसशिप और ओजेटी करने वाले स्टूडेंट्स को अप्रेंटिसशिप बोर्ड की ओर से लागू स्टाइपेंड दिया जाता है। इस पोर्टल में रजिस्टर करने के बाद स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड का बेनीफिट, डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए मिलेगा। इसमें स्टूडेंट्स को ऑन जॉब ट्रेनिंग या अप्रेंटिसशिप का मौका मिलते समय अपनी बैंक डिटेल को भी बताना होगा, जिसके बाद बैंक अकाउंट में स्टाइपेंड का पैसा आएगा।
ओजेटी, अप्रेंटिसशिप से बेनिफिट
ट्रेड सब्जेक्ट की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को ओजेटी या अप्रेंटिसशिप में अपने सब्जेक्ट से रिलेटेड इंडस्ट्री में जाना होता है। नियमानुसार ओजेटी का समय छह महीने से लेकर एक साल तक का होता है। इस दौरान स्टूडेंट वहां पर काम करके कामकाज के तरीके को सीखता है। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री मे चल रही मशीनों पर भी काम कराया जाता है। इसका बेनिफिट यह होता है कि स्टूडेंट्स इंडस्ट्री के अनुसार काम सीख जाते हैं, जिसका फायदा उनको प्लेसमेंट के समय पर मिलता है। इसके साथ-साथ कुछ स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री जॉब भी ऑफर करती हैैं।
नहीं होगा भटकना
पोर्टल से स्टूडेंट्स और एम्प्लॉयर दोनों को बेनफिट है। अभी तक ओजेटी या अप्रेंटिसशिप करने वाले स्टूडेंट्स को एम्प्लॉयर खोजना पड़ता था। कभी सही एम्प्लॉयर तक पहुंच न हो पाने से भटकना पड़ता था, जबकि अब इस पोर्टल में रजिस्टर होने के बाद स्टूडेंट्स को उसके प्रोफाइल के अनुसार एम्प्लॉयर शो होने लगेंगे, जिसके बाद वह उसको सिलेक्ट करके अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकता है। इसके अलावा एम्प्लॉयर को भी ओजेटी के लिए स्टूडेंट्स मिलेंगे, जो कि स्किल सीखने के साथ-साथ उनकी काम में भी हेल्प करेंगे।
स्टूडेंट्स को ओजेटी से मिलेगा ये लाभ
- स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री के काम की मिलेगी प्रैक्टिकल नॉलेज
- ओजेटी के दौरान ही स्टूडेंट्स सीख सकेंगे इंडस्ट्री का काम
- प्लेसमेंट के समय पहले से होता है काम का अनुभव
- ओजेटी के बाद इंडस्ट्री स्टूडेंट्स को ऑफर करती है जॉब
- ओजेटी के लिए स्टूडेंट्स को नहीं ढूंढना पड़ेगा एम्प्लायर
- स्टूडेंट्स के प्रोफाइल के अनुसार पोर्टल पर शो होंगे एम्प्लॉयर
- साढ़े तीन लाख यूजी स्टूडेंट हैं शहर के कॉलेजेज में कर रहे पढ़ाई
- पांच हजार स्टूडेंट्स शहर में कर रहे डिप्लोमा कोर्स